झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार ने जीता विश्वास मत, समर्थन में मिले 48 वोट

झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार ने विश्वास मत जीत लिया है। उनके समर्थन में 48 वोट पड़े हैं और विरोध में कोई वोटिंग नहीं हुई है। हालांकि वोटिंग की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही बीजेपी विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया था। इससे पहले वह सदन की बेल में खड़े होकर हंगामा कर रहे थे। बता दें कि झारखंड में सियासी हलचल के बीच आज विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था। इस एक दिन के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विश्वास मत प्रस्ताव ही पेश करने वाले थे। विधानसभा के 1 दिन के विशेष सत्र में भाग लेने के लिए छत्तीसगढ़ से कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक रांची वापस आ चुके थे।

कल ही रायपुर से रांची पहुंचे हैं विधायक

सोरेन ने रविवार शाम को कहा था कि विपक्ष झारखंड सरकार के खिलाफ साजिश रच रहा है। सोरेन ने कहा था कि विरोधी किसी भी प्रयास में सफल नहीं होंगे। बता दें कि छत्तीसगढ़ में डेरा डाले झारखंड के सत्तारूढ़ UPA  के लगभग 30 विधायक विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लेने के लिए रविवार को चार्टर विमान से रांची पहुंचे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कल रांची पहुंचे सभी विधायकों को सीधे विधानसभा भवन ले जाया जाएगा। विधायकों की किसी भी संभावित खरीद-फरोख्त के प्रयास से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है।

‘हम विधानसभा में अपनी बात रखेंगे और बहुमत साबित करेंगे’

रविवार को झारखंड के संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा था कि झारखंड में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। हमारे प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को राज्यपाल से मुलाकात की थी और उन्होंने हमें एक या दो दिन में स्थिति साफ करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। इसलिए हम विधानसभा में अपनी बात रखेंगे और बहुमत साबित करेंगे।

25 अगस्त को ही EC ने भेजा था अपना फैसला

बता दें कि लाभ के पद के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधानसभा से अयोग्य ठहराने की भाजपा की याचिका के बाद, चुनाव आयोग (ईसी) ने 25 अगस्त को राज्यपाल रमेश बैस को अपना फैसला भेजा था, जिससे राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया है। हालांकि चुनाव आयोग के फैसले को अभी तक आधिकारिक नहीं किया गया है, लेकिन चर्चा है कि चुनाव आयोग ने एक विधायक के रूप में मुख्यमंत्री की अयोग्यता की सिफारिश की।

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