कांग्रेस अध्यक्ष पद के दोनों नेता समझदार, रिमोट कंट्रोल से नहीं चलाए जा सकते- राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन आरोपों से इनकार किया है कि पार्टी का नया अध्यक्ष रिमोट कंट्रोल होगा. पार्टी के भारत जोड़ो यात्रा की अगुवाई कर रहे राहुल ने कर्नाटक के तुमकुर में एक प्रेस कांफ्रेंस में यह बात कही. उन्होंने कहा कि जो लोग भी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे हैं, उनके पास अपनी समझ है. “मुझे नहीं लगता कि उनमें से कोई भी रिमोट कंट्रोल से चलने वाला है.” उन्होंने कहा कि इस तरह की बात करना, दरअसल उनका अपमान है. इससे पहले अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को इन आरोपों को खारिज किया था.

खड़गे ने कहा कि ‘लोग कहते हैं कि मैं रिमोट कंट्रोल हूं और बैकस्टेज से काम करता हूं. वे कहते हैं कि मैं वही करूंगा जो सोनिया गांधी कहेंगी. आपको बता दें कि कांग्रेस में रिमोट कंट्रोल जैसी कोई चीज नहीं होती है. लोग मिलकर निर्णय लेते हैं. यह आपकी सोच है. मुझे पता है कि कुछ लोग इस विचार को बनाने की कोशिश कर रहे हैं.” मल्लिकार्जुन खड़गे गांधी परिवार के वफादार माने जाते हैं और यह बात भी मीडिया में चल रही है कि गांधी परिवार के इशारे पर ही खड़गे अध्यक्ष चुनाव के लिए तैयार हुए हैं. हालांकि पार्टी ने उन आरोपों को भी खारिज किया है कि, गांधी परिवार किसी उम्मीदवार को समर्थन दे रहा है.

प्रस्ताव को अस्वीकार करना ठीक नहीं

राहुल गांधी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राज्य में निवेश की पेशकश को स्वीकार करने के बाद, उद्योगपति गौतम अडानी की प्रशंसा करने के मुद्दे पर भी अपना रुख स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि, मिस्टर अडानी ने राजस्थान में 60 हजार करोड़ के निवेश का वादा किया है. कोई भी मुख्यमंत्री इस तरह के प्रस्ताव को नहीं ठुकरा सकता. उन्होंने कहा कि वास्तव में, एक मुख्यमंत्री के लिए इस तरह के प्रस्ताव को अस्वीकार करना सही नहीं होगा. उन्होंने कहा, “मेरा तर्क कुछ चुने हुए व्यवसायों की मदद के लिए पॉलिटकल पावर के इस्तेमाल में है. मेरा विरोध 2 या 3 या 4 बड़े व्यवसायों को इस देश में हर एक व्यवसाय पर एकाधिकार के लिए राजनीतिक रूप से मदद करने का है, वही मेरा विरोध है.”

PFI की मदद के आरोपों पर बोले राहुल…

कर्नाटक की पूर्व कांग्रेस सरकार पर पीएफआई को मदद करने के बीजेपी के आरोपों पर उन्होंने कहा कि पार्टी राष्ट्र विरोधी कृत्यों का संचालन करने वाले किसी भी शख्स से लड़ेगी. उन्होंने कहा, “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि नफरत फैलाने वाला शख्स कौन है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे किस समुदाय से आते हैं, नफरत और हिंसा फैलाना एक राष्ट्र विरोधी कार्य है और हम ऐसे लोगों के खिलाफ लड़ेंगे.” कांग्रेस की पदयात्रा 7 सितंबर को शुरु हुई थी और अबतक 700 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय कर चुकी है. राहुल की यह पदयात्रा 150 दिनों तक चलेगी, जिसमें 30 दिनों की यात्रा पूरी हो गई है.

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