कर्नाटक में विश्वासमत पर मैराथन चर्चा जारी, आज हो सकती है वोटिंग

नई दिल्ली: बीते 15 दिनों से कर्नाटक पर असमंजस के हालात बने हैं। बागी विधायकों के इस्तीफे से खड़े हुए संकट के बाद ये माना जा रहा है कि आज विश्वासमत पर वोटिंग हो सकती है। इसके लिए स्पीकर ने शाम 6 बजे का समय तय किया है लेकिन इस वोटिंग से पहले आज दिनभर विश्वासमत पर चर्चा की जाएगी और बहुमत जुटाने का हरसंभव कोशिश होगी लेकिन ये कोशिश कितनी कामयाब होगी इस पर संशय बरकरार है।

इससे पहले सोमवार रात 11.30 बजे के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। कार्यवाही स्थगित होने से पहले सिद्धारमैया ने कहा कि मंगलवार शाम 4 बजे तक चर्चा खत्म कर लेंगे और शाम 6 बजे तक फ्लोर टेस्ट हो जाएगा। जिसके बाद स्पीकर रमेशकुमार ने मंगलवार शाम 6 बजे तक फ्लोर टेस्ट की बात कहते हुए सदन की कार्यवाही सुबह 10 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

बता दें कि कल भी दिनभर इस मुद्दे पर विधानसभा में खूब हंगामा हुआ। बीजेपी हर हाल में विश्वासमत पर चर्चा कराकर वोटिंग के पक्ष में थी तो कांग्रेस-जेडीएस इस चर्चा को और खींचना चाहते थे। विधानसभा के अंदर कल दिनभर ये खींचतान देखने को मिला। कई बार विधानसभा स्पीकर के रमेश कुमार ने चर्चा खत्म कर वोटिंग की कोशिश की लेकिन कांग्रेस-जेडीएस विधायकों के विरोध के बीच उनकी एक ना चली।

कल भी कांग्रेस और जेडीएस के 15 बागी विधायक विधानसभा से गैरहाजिर रहे। निर्दलीय विधायक आर शंकर और एच नागेश भी सदन में मौजूद नहीं थे। इनके अलावा मुंबई के अस्पताल में इलाज करा रहे कांग्रेस विधायक श्रीमंत पाटिल भी सदन में नहीं थे। बड़ी बात ये है कि एक और विधायक नागेंद्रा भी सदन से गायब नजर आए। बीएसपी के इकलौते विधायक एन.महेश भी कल सदन में मौजूद नहीं थे।

आज एक तरफ जहां कर्नाटक विधानसभा के अंदर शक्ति परीक्षण होगा तो दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट में भी कर्नाटक विधानसभा से जुड़े तीन मामलों पर सुनवाई होगी। सीएम कुमारस्वामी ने ट्रस्ट वोट के लिए समय सीमा तय करने के गवर्नर के अधिकार पर सवाल उठाते हुए याचिका दायर की है, कांग्रेस से प्रदेश अध्यक्ष ने व्हिप की क्षमता को लेकर याचिका दायर की है जबकि दो निर्दलीय विधायकों ने ट्रस्ट वोट पूरा करने के निर्देश देने के लिए याचिका दी है।

इस बीच खबर ये है कि बागियों को मनाने के लिए आखिरी कोशिश के तौर पर जेडीएस ने कुमारस्वामी के सीएम की कुर्सी छोड़ने की पेशकश भी की। जेडीएस की तरफ से ऑप्शन दिया गया कि सिद्धारमैया, जी परमेश्वर या डीके शिवकुमार में से कोई भी चीफ मिनिस्टर बने, उन्हें परेशानी नहीं है लेकिन बीजेपी की जीत नहीं होनी चाहिए। फ्लोर टेस्ट से पहले कुमारस्वामी ने बागी विधायकों को बातचीत की पेशकश की और विवादित मुद्दों को बैठकर सुलझाने की बात कही।

हालांकि कुमारस्वामी की कोशिशों का मुंबई के होटल में रुके बागी विधायकों पर कोई असर नहीं हुआ। हैरान करने वाली बात ये थी कि सीएम कुमारस्वामी के टेबल पर एक चिट्ठी नजर आई जिसे उनका इस्तीफा बताया जा रहा था। हालांकि कुमारस्वामी ने ऐसे किसी भी चिट्ठी से इनकार किया और कहा कि सस्ती लोकप्रियता के लिए सोशल मीडिया में ऐसी खबर उड़ाई गई।

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