एक साल बाद जेल से रिहा हुए पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख

Mumbai: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) बुधवार (28 दिसंबर) को आर्थर रोड जेल से रिहा हुए. बाहर आकर उन्होंने हाथ जोड़कर समर्थकों का अभिवादन किया. अनिल देशमुख ने कहा कि उनके ऊपर लगाए गए आरोप बेबुनियाद थे. परमबीर सिंह और सचिन वाजे के आरोप झूठे थे. कोर्ट ने सभी आरोपों को गलत माना है.

भ्रष्टाचार के मामले में जमानत आदेश पर रोक लगाने से बम्बई उच्च न्यायालय के इनकार के बाद महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को जेल से रिहा कर दिया गया. उनकी रिहाई पर एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा कि हम लोग बहुत खुश हैं. न्याय हो गया है. वे (अनिल देशमुख) लंबे समय तक जेल में रहे. एनसीपी के कई कार्यकर्ता मुंबई के आर्थर रोड जेल के बाहर स्वागत में जुटे और उनके समर्थन में नारेबाजी की. बढ़ती भीड़ को देखते हुए मुंबई पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ाई गई थी.

बता दें कि बंबई उच्च न्यायालय ने सीबीआई की तरफ से दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में अनिल देशमुख को जमानत देने के आदेश पर रोक बढ़ाने से मंगलवार को इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता को 12 दिसंबर को जमानत दी थी, लेकिन सीबीआई ने इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने के लिए समय मांगा था और अदालत ने आदेश पर 10 दिन के लिए रोक लगा दी थी. जांच एजेंसी ने न्यायालय का रुख किया, लेकिन उसकी अपील पर जनवरी 2023 में ही सुनवाई हो सकेगी, क्योंकि अदालत में शीतकालीन अवकाश है.

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