आलोक सिंह नोएडा के पुलिस कमिश्नर नियुक्त, सुजीत पाण्डेय को मिली लखनऊ की जिम्मेदारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा और लखनऊ में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू करने का ऐलान किया है और उत्तर प्रदेश पुलिस में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी आलोक सिंह को नोएडा का पुलिस कमिश्नर बनाये जाने की घोषणा की है। आलोक सिंह 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। लखनऊ के पुलिस कमिश्नर पद पर सुजीत पाण्डेय के नाम का ऐलान हुआ है। सुजित पाण्डेय 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। सोमवार सुबह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा और लखनऊ में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू करने की घोषणा की है, उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने दोनो शहरों में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम की मंजूरी दी है।

नोएडा में पुलिस कमिश्नर तैनात होने जा रहे आलोक सिंह फिलहाल मेरठ में तैनात हैं जबकि लखनऊ में पुलिस कमिश्नर नियुक्त होने जा रहे सुजित पाण्डेय प्रयागराज में अपर पुलिस महानिदेशक के पद पर तैनात हैं। इन दोनो पुलिस अधिकारियों के अलावा लखनऊ और नोएडा के लिए 2-2 अन्य पुलिस अधिकारियों की तैनाती की  घोषणा भी कर दी गई है।

लखनऊ में नवीन अरोड़ा जो 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, उन्हें सुजित पाण्डेय के सहयोग के लिए संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) तैनात किए जाने का ऐलान हुआ है जबकि नीलाब्जा चौधरी को संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय) तैनात किया गया है।

नोएडा में तैनात होने वाले पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह के सहयोग के लिए अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) तैनात किए जाने की घोषणा हुई है जबकि श्रीपर्णा गांगुली को अपर  पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय) नियुक्त किए जाने का ऐलान हुआ है।

उत्तर प्रदेश में लंबे समय से मांग उठ रही थी कि 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में दिल्ली और मुंबई की तरह पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू किया जाए, सोमवार को उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दी। कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चालीस थाने होंगे, ADG रैंक का कमीशनर होगा। महिला सुरक्षा के लिए एसपी रैंक की महिला अधिकारी की तैनाती दी जा रही है। यातायात के लिए भी विशेष तैनाती होगी। निर्भया फंड से CCTV कैमरे लगेंगे।

बता दें कि 15 राज्यों के 71 शहरों में कमिश्नरेट प्रणाली पहले से लागू है। यूपी में योगी के सत्ता संभालने के बाद इस सिस्टम के लिए कवायद शुरू तो हुई थी, लेकिन ब्यूरोक्रेसी के दबाव में बात अंजाम तक नहीं पहुंच पाई। अब लखनऊ और नोएडा से इसकी शुरुआत हुई है।

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