अशरफ अहमद की मदद करने पर बरेली-बांदा और नैनी जेल के अधीक्षक सस्पेंड

Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बरेली, बांदा और नैनी जेल के जेल अधीक्षकों को निलंबित कर दिया है. बरेली जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने माफिया अशरफ अहमद की उसके गुर्गों से गैर कानूनी मुलाकात में मदद करवाई थी. इसके चलते उनपर कार्रवाई की गई है. इसके साथ ही बांदा और नैनी जेल में भी इसी तरह की लापरवाही की बात सामने आई है. योगी सरकार ने बांदा जेल के अधीक्षक अविनाश गौतम और नैनी जेल के अधीक्षक शशिकांत सिंह को निलंबित किया है.

नैनी जेल के अधीक्षक शशिकांत सिंह ने माफिया अतीक अहमद को प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट से उम्र कैद की सजा सुनाए जाने के बाद फिर से नैनी जेल में रखने से मना कर दिया था. उन्होंने कहा था कि उनके पास अतीक अहमद को नैनी जेल में रखने का ऐसा कोई आदेश नहीं है. इसके चलते अतीक को काफी देर पुलिस की वज्र वैन में ही रखना पड़ा था. इसके बाद उसे कुछ ही घंटों बाद दोबारा से गुजरात की साबरमती जेल में शिफ्ट करने के लिए भेज दिया गया था.

वहीं, उमेश पाल हत्याकांड के बाद इसके साजिशकर्ता अशरफ अहमद से जेल में उसके गुर्गों ने मुलाकात की थी. इसको लेकर जेल के 5 अधिकारियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है. वहीं, अब जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला को निलंबित किया गया है.

माफिया अतीक अहमद को नैनी जेल में शिफ्ट किए जाने से पहले ही 17 पुलिसवालों का ट्रांसफर कर दिया गया था. इन सभी पुलिसवालों प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भेजा गया है. इन पर शक था कि ये सारे पुलिसवाले अतीक अहमद और उनके गुर्गों के खास थे.

बता दें कि उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में माफिया मुख्तार अंसारी बंद है. उसके गुर्गे भी गैर कानूनी तरीके से उससे मिलने जाया करते थे. वहीं, अभी हाल ही में उमेश पाल अपहरण मामले पर माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद को नैनी जेल में शिफ्ट किया गया था.

गौरतलब है की अतीक अहमद, अशरफ अहमद और बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी तीनों पर पूर्व के किए गए जुर्मों पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इसके चलते ये तीनों माफिया डॉन पर योगी सरकार खास नजर रख रही है.

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