कार्यकारिणी की बैठक के लिए दिल्ली पहुंचे शरद पवार; अजित पवार को कर सकते हैं बेदखल

New Delhi: एनसीपी में दो फाड़ के बाद पार्टी के नाम और घड़ी के निशान पर कब्ज़े की जंग और तेज हो गई है। चाचा भतीजे के बीच पावर गेम की लड़ाई अब मुंबई से उठकर दिल्ली आ गई है। एक तरफ जहां दोनों गुट चुनाव आयोग में अपना-अपना दावा ठोका हैं, वहीं आज शरद पवार गुट ने भी दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की  बैठक बुलाई है। इस बैठक में शरद पवार बड़ा एक्शन ले सकते हैं। अजित पवार के खिलाफ बैठक में प्रस्ताव लाया जा सकता है।

इस बैठक में शामिल होने के लिए शरद पवार बेटी सुप्रिया सुले के साथ दिल्ली पहुंच चुके हैं। वहीं कल मुंबई में मीटिंग के दौरान भतीजे अजित पवार ने खुद को पार्टी का अध्यक्ष घोषित कर दिया था। आज दिल्ली में शरद पवार के घर पर 3:00 बजे अहम बैठक होनी है जिसमें कई फैसले लिए जा सकते हैं। सूत्र बता रहे हैं कि इस बैठक में बागी हुए भतीजे अजित पवार के खिलाफ प्रस्ताव लाया जा सकता है। जिस तरह से अजित पवार ने चाचा शरद पवार को पार्टी अध्यक्ष से बेदखल किया है, वैसे ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अजित पवार को भी बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। आज दिल्ली की बैठक में जो कुछ भी होगा, उसकी पृष्ठभूमि बुधवार को मुंबई में हुई अजित पवार और शरद पवार गुट की बैठकों में तैयार हुई थी, जहां दोनों ही तरफ से एक दूसरे पर जमकर जुबानी प्रहार किए गए।

अब चाचा-भतीजे के दोनों ही गुट चुनाव आयोग भी पहुंच गए हैं। बगावत के बाद अजित पवार ने पूरी पार्टी पर दावा ठोका है। अजित पवार गुट की तरफ से चुनाव आयोग को जो चिट्ठी भेजी गई है, उसमें दावा किया गया है कि 30 जून को NCP के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर प्रफुल्ल पटेल ने पार्टी की कार्यकारिणी की मीटिंग बुलाई थी, जिसमें सर्वसम्मति से शरद पवार की जगह अजित पवार को NCP का अध्यक्ष चुना गया था। इलेक्शन कमीशन को भेजी गई चिट्ठी में अजित पवार के सपोर्ट में NCP के 53 में से 40 विधायकों के साइन हैं।

शरद पवार गुट ने भी चुनाव आयोग से की अपील
बताया जाता है कि पार्टी में अजित पवार का गुट शरद पवार से बार-बार पार्टी की कमान अजित पवार को देने की मांग कर रहा था, लेकिन शरद पवार झुकने को तैयार नहीं थे और अब जब अजित पवार ने चुनाव आयोग में भी पार्टी पर दावा ठोंक दिया है तो शरद पवार गुट ने भी चुनाव आयोग को एक चिट्ठी भेजी है। इस चिट्ठी में अपील की गई है कि NCP के चुनाव चिह्न पर कोई फ़ैसला करने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए। अब चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों से अपने-अपने दावों के सपोर्ट में जल्दी से जल्दी डाक्यूमेंट सबमिट करने को कहा है। यही वजह है कि मुंबई में बैठक से पहले दोनों गुटों ने विधायकों सांसदों और पार्टी पदाधिकारियों से शपथ पत्र लिये।

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