रूस ने विक्‍ट्री डे पर दिखाई अपनी ताकत, पुतिन ने कहा यूक्रेन से जीतेंगे हम

रूस ने मंगलवार को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजी जर्मनी के खिलाफ जीत हासिल करने का जश्न मनाया. रूस में इस दिन को ‘विक्ट्री डे’ के तौर पर जाना जाता है. Victory Day के मौके पर राजधानी मॉस्को में रेड स्क्वायर पर परेड का आयोजन किया जा रहा है. इस दौरान सुरक्षा एक दम चाक-चौबंद है. दरअसल, पिछले दिनों में रूस में कई सारे हमले देखने को मिले हैं. क्रेमलिन पर हाल ही में ड्रोन से हमला किया गया था, जिसके लिए रूस ने यूक्रेन को दोषी ठहराया था

विक्ट्री डे मनाते हुए रूस ने ये मैसेज देने की कोशिश की है कि ये युद्ध अपने क्षेत्र को बचाने के लिए लड़ा गया, किसी और को हराने के लिए नहीं। विक्ट्री डे पर 11 हजार सैनिकों के साथ पुतिन ने रूस की ताकत का प्रदर्शन किया। सुखोई एयरक्राफ्ट जैसे घातक विमानों की झलक पेश करना पश्चिमी देशों को एक चेतावनी थी। पुतिन ने ये भी साफ कर दिया की रूस के पास गोले, बारूद, हथियार, टैंक, एयरक्राफ्ट की कोई कमी नहीं। इसके साथ ही पुतिन ने फिर कमस खाई की यूक्रेन में नाजीवाद के खात्मे तक जंग जारी रहेगी।

क्रिमलिन से निकलकर पुतिन रेड स्कावयर पहुंचे। अपने भाषण के दौरान पुतिन ने कहा कि नाटो हमारी सीमा पर देश के लिए खतरा पैदा करना चाहता था। यूक्रेन ने परमाणु हथियारों पर चर्चा शुरू कर दी थी। पुतिन ने कहा कि हमारा ये कर्तव्य है कि हर वो चीज करें जिससे दुनिया में युद्ध फिर से दोबारा न हो। पुतिन ने यूक्रेन की लड़ाई की तुलना सोवियत संघ के द्वितीय विश्व युद्ध से करते हुए कहा कि रूसी सेना यूक्रेन में अपनी मातृभूमि की रक्षा कर रही है। उन्‍होंने कहा कि रूस यूक्रेन में पूरी तरह से अस्‍वीकार्य खतरे का सामना कर रहा है। पुतिन ने प्रण किया है कि रूस हिटलर की तरह से यूक्रेन को भी जंग में पराजित कर देगा।

क्या है रूस का विक्ट्री डे परेड

रूस के लिए ये परेड एक उत्सव सरीखा है। नाजी जर्मनी की हार पर कई देश वीईडे यानी विक्ट्री ऑन यूरोप डे के रूप में 7 मई को मनाते हैं। इस दिन नाजियों ने फ्रांस में समर्पण किया था। लेकिन सोवियत सेना 9 मई को बर्लिन सोवियत सेना के कब्जे में आ गया था। इसी दिन रूसी नेता मॉस्को के मशहूर रेड क्वायर पर अपने महान नेता व्लदिमीर लेनिन की कब्र के पास जमा होते हैं। इस दिन रूस में राष्ट्रीय अवकाश होती है।

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