चीनी विदेश मंत्री ने कहा, भारत-चीन संबंध अभी भी खराब स्थिति में, यह किसी भी देश के हित में नहीं

नई दिल्ली। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि चीन और भारत के बीच संबंध अभी भी खराब स्थिति में हैं, जो किसी भी देश के हित में नहीं है। ग्लोबल टाइम्स ने दुशांबे, ताजिकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक के मौके पर भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ अपनी बैठक के दौरान चीनी स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी द्वारा दिए गए इन बयानों की सूचना दी।

वांग ने जयशंकर से मुलाकात के दौरान एक से अधिक बार डाउनटर्न शब्द का उल्लेख किया।
ग्लोबल टाइम्स के अनुसार वांग ने कहा, हमें सीमा संबंधी घटनाओं को द्विपक्षीय संबंधों में अनावश्यक व्यवधान पैदा करने से रोकने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें दीर्घकालिक ²ष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है, हमें आपात प्रबंधन से सामान्य सीमा प्रबंधन एवं नियंत्रण तंत्र में स्थानांतरण की आवश्यकता है।

वांग ने कहा कि संवेदनशील विवादास्पद क्षेत्रों में कोई एकतरफा कदम उठाने से बचना और गलतफहमी के कारण पैदा हुए हालत को फिर से पैदा होने से रोकना महत्वपूर्ण है। इसलिए दोनों देशों को संवेदनशील और विवादित क्षेत्रों में कोई भी एकतरफा कार्रवाई करने से बचना चाहिए, ताकि गलतफहमी और गलत निर्णय से बचा जा सके, जिससे पिछले साल की घटना की स्थिति दोबारा न आए।

पिछले साल सितंबर में मास्को में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बैठक के बाद से दोनों सेनाएं गलवान घाटी और बांगोंग झील क्षेत्रों से पीछे हटी हैं और सीमा की स्थिति अब सुगम हो गई है।

लेकिन वांग ने यह भी कहा कि चीन-भारत संबंध अभी भी खराब स्थिति में हैं, जो किसी भी देश के हित में नहीं है।

रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने अपने पुराने रुख को दोहराया कि वह अपने देश से लगी भारत की सीमा पर स्थिति के लिए जिम्मेदार नहीं है। वांग ने कहा, चीन उन मामलों का आपस में स्वीकार्य समाधान खोजने के लिए तैयार है, जिन्हें भारतीय पक्ष के साथ वार्ता एवं विचार-विमर्श के जरिए तत्काल सुलझाए जाने की आवश्यकता है।

चीन-भारत संबंधों का सार यह है कि दो बड़े पड़ोसी विकासशील देश एक-दूसरे को कैसे देखते हैं और वे कैसे सद्भाव में रह सकते हैं और एक-दूसरे की मदद कैसे कर सकते हैं। वांग ने कहा, चीन-भारत संबंधों पर चीन का रणनीतिक निर्णय अपरिवर्तित रहता है।
वांग ने कहा कि देशों के बीच बातचीत मुख्य रूप से सहयोग, पारस्परिक लाभ और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ पूरकता के आधार पर होनी चाहिए और टकराव से बचना चाहिए।
ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि जयशंकर ने द्विपक्षीय संबंधों पर वांग के साथ सहमति जताते हुए कहा कि भारत द्विपक्षीय संबंधों पर अपने रणनीतिक फैसले को नहीं बदलेगा और और वह द्विपक्षीय संबंधों को गिरावट के दौर से बाहर निकालने के लिए चीन के साथ काम करने को तैयार है।

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