मप्र: किसान आंदोलन के पांचवे दिन दिखा मिला-जुला असर, गांधीवादी तरीके से हो रहा विरोध

भोपाल: मध्यप्रदेश के मंदसौर में जहां पिछली बार किसान आंदोलन का उग्र रूप दिखाई दिया था. वहीं इस बार किसान गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं. अपनी फसल का लागत मूल्य से 1.5 गुना खरीद मूल्य किये जाने समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों ने एक यज्ञ किया. इस यज्ञ को सतबुद्धि यज्ञ नाम दिया गया. दूसरी तरफ मंदसौर में किसान आंदोलन के पांचवे दिन मिला जुला असर दिखाई दिया, जहां कृषि उपज मंडी में किसान अपनी फसल लेकर नहीं पहुंचे वहीं सब्जी मंडी में सामान्य दिनों की तरह कामकाज जारी रहा. मध्यप्रदेश के मंदसौर के बलागूडा के हनुमान मंदिर में बालाजी के सामने यज्ञ करते हुए भगवान से अपनी मांगे पूरी करने की अर्जी लगाई. पांचवे दिन अपनी मांगों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए सतबुद्धि यज्ञ कर रहे है किसानों ने भगवान प्रसन्न करने और सरकार को सतबुद्धि देने की बात कही.  किसानों में रोष है कि उनके शांतिपूर्ण आन्दोलन पर सरकार कोई ध्यान ही नहीं दे रही है ना किसी नेता का किसानों के लिए कोई ट्वीट आया है. ना ही उनकी मांगों के संबंध में सरकार का कोई नुमाइंदा उनसे बात की पहल कर रहा है. सरकार तक बात पहुंचाने का शांति पूर्ण तरीका अपनाकर वे सतबुद्धि यज्ञ कर रहे है. किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन की आम लोग भी तारीफ कर रहे है और उम्मीद जता रहे हैं कि बातचीत के जरिये इनकी समस्या का हल निकलेगा.

सब्‍ज‍ियों के दाम में बढ़ोत्‍तरी से लोग परेशान 
सब्जी की थोक मंडी में बड़ी संख्या में किसान अपनी फसल लेकर पहुंचे हालांकि राजस्थान से सब्जियों की आपूर्ति में आज मामूली कमी रही. सब्जी खरीदने आए उपभोक्ताओं को सब्जियां खरीदने में कोई परेशानी नहीं हुई लेकिन सब्जियों बढ़े दामों ने उनकी मुश्‍कि‍ल जरूर बढ़ाई. उपभोक्ताओं के अनुसार उन्हें सामान्य रूप से सब्जियां उपलब्ध हो रही हैं. किसान आंदोलन के भय से अधिकतर लोगों द्वारा आवश्यकता से अधिक सब्जियों का क्रय पहले ही कर लिया जा चुका है इसलिए खुदरा बाजार में ग्राहकों की कमी साफ दिखाई दे रही है.

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