तुर्की ने फिनलैंड को नाटो में शामिल होने के लिए दी हरी झंडी

तुर्की ने फिनलैंड को नेटो में शामिल होने के लिए हरी झंडी दे दी है. तुर्किश संसद ने गुरुवार को एक बिल पास किया जिसके बाद फिनलैंड का पश्चिमी देशों के सैन्य समूह में शामिल होने का रास्ता साफ हुआ. तुर्की 30 देशों में एकमात्र देश था जिसने फिनलैंड के नेटो में आने की मंशा का विरोध किया था. पिछले हफ्ते हंगरी ने भी इसी तरह का एक बिल पास किया, जिसके बाद तुर्की के अप्रूवल का इंतजार था.

तुर्किश राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने फिनलैंड को कुछ आतंकी समूहों पर कार्रवाई के लिए कहा था, जिसे तुर्की ने आतंकवादी घोषित कर रखा है. इसी महीने उन्होंने बताया कि फिनलैंड ने उनकी निर्देशों का पालन किया है. तुर्की की एक और डिमांड फ्री डिफेंस एक्सपोर्ट को लेकर थी, जिसे फिनलैंड ने स्वीकार किया. यूक्रेन पर रूसी युद्ध के बाद फिनलैंड और स्वीडन ने नेटो में शामिल होने की इच्छा जाहिर की थी. यूक्रेन की भी यही इच्छा थी, जिसके विरोध में रूस ने युद्ध छेड़ दिया.

नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट मिलने के बाद ही कोई भी देश मिलिट्री ग्रुप या सैन्य समूह नेटो का हिस्सा बन सकते हैं. तुर्की और हंगरी उन देशों में थे जिन्होंने फिनलैंड को अप्रूवल नहीं दिया था, जबकि अमेरिका समेत अन्य 28 देशों ने इसके अप्लाई करने के बाद ही अप्रूवल दे दी थी. तुर्की संसद से नो ऑब्जेक्शन के बाद फिनलैंड सरकार ने एक बयान में कहा कि नेटो की मेंबरशिप से बाल्टिक सागर क्षेत्र और उत्तरी यूरोप में उसकी सुरक्षा मजबूत होगी. बाल्टिक सागर में रूस का दबदबा है और इसके किनारे बसे कुछ देशों को छोड़कर सभी इसका विरोध करते रहे हैं. यही वजह है कि स्वीडन भी नेटो का हिस्सा बन अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहता है.

स्वीडन का रास्ता अभी साफ नहीं

स्वीडन का नेटा में शामिल होने का रास्ता अभी साफ नहीं हुआ है. तुर्की का कहना है कि स्वीडन ने उन लोगों पर अभी तक कार्रवाई नहीं की है, जिसे वह आतंकवादी मानता है. तुर्की में 14 मई को आम चुनाव होने हैं, जिससे पहले यहां संसद की कार्यवाही चल रही है. फिनलैंड से पहले नेटो में उत्तरी मेसेडोनिया शामिल हुआ था. फिनलैंड के शामिल होने के बाद अब नेटो समूह में 31 देश हैं और अगर स्वीडन को भी हरी झंडी मिलती है तो यह 32 देशों वाला एक मजबूत मिलिट्री ग्रुप बन जाएगा.

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