FATF की बैठक आज से शुरू, पाकिस्तान पर मंडरा रहा है ब्लैकलिस्ट होने का खतरा

पेरिस/इस्लामाबाद: फ्रांस की राजधानी पेरिस में रविवार से शुरू हो रही फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठकों से पहले पाकिस्तान और इसके पीएम इमरान खान की टेंशन बढ़ गई है। इन बैठकों में यह आकलन किया जाएगा कि इस्लामाबाद ने वैश्विक निगरानी के तहत आतंकी वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए कदम उठाया है या नहीं। अगर FATF पाती है कि पाकिस्तान को अक्टूबर तक जो कदम उठाने के लिए कहा गया है, उसमें उसने ढिलाई बरती है तो वह देश को ‘ब्लैक लिस्ट’ में डाल सकती है।

FATF की ब्लैक लिस्ट में जाने का मतलब

इन 3 देशों की मदद से बच सकता है पाकिस्तान
वर्तमान में, चीन FATF का अध्यक्ष है, जो नई तकनीकों के मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण के जोखिमों को कम करने के लिए काम कर रहा है। FATF की मुख्य बैठक के लिए वस्तुत: जोर देते हुए 23 अगस्त को विश्व निकाय के एशिया-पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) ने पाकिस्तान से नाखुशी व्यक्त करते हुए कहा था कि यह आतंक के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ कार्रवाई को लेकर आवश्यक 40 में से 32 मापदंडों में विफल रहा है। पाकिस्तान हालांकि, चीन, मलेशिया और तुर्की की मदद से ‘ब्लैक लिस्ट’ में आने से बच सकता है, लेकिन आतंकवाद से लड़ने के मामले में उसका रिकॉर्ड इसे ‘ग्रे लिस्ट’ से हटाने में मददगार साबित नहीं होगा।

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