बिहार विधानसभा में गूंजा ‘चमकी बुखार’, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तोड़ी चुप्पी

पटना। बिहार में एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) अब तक 154 बच्चों की जान ले चुका है। इस बीमारी (चमकी बुखार) के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी समय से मीडिया और लोगों के निशाने पर हैं। नीतीश ने आखिरकार आज सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ी। नीतीश ने कहा कि जो भी हुआ वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि सिर्फ दुख व्यक्त करना पर्याप्त नहीं है। यह काफी गंभीर मुद्दा है।

सरकार ने बचाव की पूरी कोशिश की है। विशेषज्ञों की एक टीम बनाई गई, जिससे बीमारी की तह तक जाया जा सके। हम यह पता लगाने की कोशिश में हैं कि आखिर यह बीमारी होती क्यों है। अभी तक इस बीमारी को लेकर विशेषज्ञों की राय अलग-अलग रही है। एईएस की रिपोर्ट अमेरिका भेजकर मामले की जानकारी ली गई।

वर्ष 2014 से ही इसके कारणों का पता लगाने के लिए रिसर्च जारी है। अभी तक हम अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं। कुछ लोगों का मानना है कि खाली पेट लीची खाने की वजह से बच्चों को यह बीमारी हुई। मैंने अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके अभिभावकों से मुलाकात की। सबसे बात की और यह निष्कर्ष निकला कि ज्यादातर पीडि़त गरीब परिवारों से हैं और उनमें भी बच्चियों की संख्या अधिक है।

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