‘नेपोटिज्म एक भयानक चीज है- सैफ अली खान

नई दिल्ली: अभिनेता सैफ अली खान (Saif Ali Khan) ने हाल ही में अपनी फिल्म ‘ओमकारा’ (Omkara) और फिल्म इंडस्ट्री में चल रहे Nepotism को लेकर अपनी बात रखी. विशाल भारद्वाज निर्देशित ‘ओमकारा’ में ‘लंगड़ा त्यागी’ का किरदार करने को बेचैन थे आमिर खान, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला. साल 2006 में रिलीज हुई सुपरहिट फिल्म ‘ओमकारा’ सैफ अली खान के करियर के लिए बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित हुई. इस फिल्म में सैफ ने ‘लंगड़ा त्यागी’ का किरदार निभाया था.

काम के पहले दिन के बाद कलाकारों ने उन्हें ‘खान साहब’ कहकर बुलान शुरू कर दिया, तो इसपर सैफ ने कहा, ‘मैं जिस तरह का व्यक्ति हूं, मैंने जो फिल्में की हैं, उनके अनुसार विशेषाधिकार का होना और  विशेषाधिकार की कमी होना. कठिन रास्ते से आने वाले लोग और आसान तरीके से आने वाले लोग, यह हमेशा अंदेखे होते हैं. वे लोग शुद्ध रूप से अपनी प्रतिभा के जरिए ऊपर आते हैं, जबकि हम में से कुछ लोग स्पष्ट रूप से कहूं तो, हमारे पास जन्म से विशेषाधिकार होते हैं और हमारे माता-पिता हमारे लिए आसानी से कई दरवाजे खोले होते हैं. इसलिए, उस अंदेखे लोगों के साथ जब आप सेट पर होते हैं और आप अपने सीन के लिए उतना ही मेहनत करते हैं जितना की बाकी सभी लोग और फिर आप वो सीन कैमरे के सामने सबसे अच्छे तरीके से करते हैं तो आप को बेहतर महसूस होता हैं. और उन लोगों के सम्मान को अर्जित करना वास्तव में महत्वपूर्ण लगता है.’

विशाल भारद्वाज (Vishal Bhardwaj) के बारे में बात करते हुए सैफ ने कहा, ‘खान साहब’ जैसा कंप्लीमेंट पाना हमेशा अच्छा लगता है. मैंने अतीत में नसीरुद्दीन शाह के साथ काम किया. यह मेरे लिए एक तारीफ की तरह था. मैंने कभी इससे पहले कुछ ऐसा नहीं किया था. यह भारत में बहुत होता है कि अच्छे अभिनेता को अवसर नहीं मिलते है, जो कभी-कभी कुछ विशेषाधिकार प्राप्त लोग को मिलता है.’

सैफ अली खान अक्सर फिल्म उद्योग में भाई-भतीजावाद के खिलाफ बहस में सबसे आगे रहे हैं, पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था, ‘नेपोटिज्म एक भयानक चीज है. मैं पूरी तरह से भाई-भतीजावाद के खिलाफ हूं. मुझे यकीन है कि इससे मुझे भी फायदा हुआ है. निश्चित रूप से, हमारे पास ऐसे लोगों की तुलना में अधिक अवसर हैं जो फिल्मों से नहीं जुड़े हैं.’

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