अक्षय तृतीया पर दान का है खास महत्व
New Delhi: आज अक्षय तृतीया है, इस दिन शुभ मुहूर्त होने के कारण सभी प्रकार के शुभ कार्य किए जाते हैं। तो आइए हम आपको अक्षय तृतीया का महत्व और पूजा विधि के बारे में बताते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि के दिन अक्षय तृतीया मनाई जाती है। इस विशेष दिन पर स्नान-दान, तप और भगवान विष्णु की उपासना को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। वैदिक ग्रंथों के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान परशुराम और दशमहाविद्या की देवी भगवती राजराजेश्वरी मातंगी जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन परशुराम जयंती और मातंगी जयंती मनाई जाती है।
अक्षय तृतीया के दिन विष्णु जी की करें खास पूजा
बैसाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया मनाया जाता है। इसे अक्खा तीज भी कहा जाता है। अक्षय तृतीया का दिन बहुत पवित्र होता है इसलिए इस दिन विष्णु भगवान की उपासना करें। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं। उसके बाद जौ, सत्तू या चने की दाल को भोग स्वरूप अर्पित कर भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। पितरों की शांति हेतु भी अक्षय तृतीया का दिन बहुत खास होता है इसलिए इस दिन गरीबों को भी दान दें और भूखों को भोजन कराएं। अक्षय तृतीया के दिन दान से अक्षय लाभ की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन शिव-पार्वती की पूजा का भी विधान है।
अक्षय तृतीया के दिन मिला था द्रौपदी को अक्षय पात्र
महाभारत में जब पांडवों को 13 साल का वनवास मिला था तो एक दिन दुर्वासा ऋषि उनकी कुटिया में आए। उस समय पांडव घर पर नहीं थे और द्रौपदी ने घर में मौजूद सामान से ऋषि का सत्कार किया। इससे दुर्वासा ऋषि बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने द्रौपदी को अक्षय पात्र प्रदान किया। साथ ही दुर्वासा ऋषि ने कहा कि अक्षय तृतीया के दिन जो भी भक्त विष्णु भगवान की पूजा कर गरीबों को दान देगा उसे अक्षय फल प्राप्त होगा।
देश भर में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है अक्षय तृतीया
अक्षय तृतीया पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। बुंदेलखंड में अक्षय तृतीया एक दिन का त्यौहार न होकर कई दिनों तक मनाया जाता है। यहां इस उत्सव को अक्षय तृतीया से पूर्णिमा तक बहुत धूमधाम से लोग मनाते हैं। साथ ही कुंवारी कन्याएं अपने भाई, पिता और बुजुर्ग लोगों को शगुन बांटती हैं और गीत गाती हैं। वहीं राजस्थान में भी इस दिन वर्षा के लिए शगुन निकाला जाता है और लड़कियां घूम-घूम कर गीत गाती हैं। लड़कियां गीत गाकर खुशी मनाती हैं तो लड़के पतंग उड़ाते हैं। मालवा में अक्षय तृतीया के दिन नए घड़े के ऊपर खरबूजा और आम के पत्ते रखकर पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन खेती का काम शुरू करना समृद्धि का परिचायक होता है। अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त 2023
22 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त साढ़े चार घंटे का है। इस दिन आप प्रात: 07:49 बजे से लेकर दोपहर 12:20 बजे तक अक्षय तृतीया की पूजा कर सकते हैं। अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी, गणेश जी और कुबेर की पूजा की जाती है। इससे धन, संपत्ति, सुख और समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है।
अक्षय तृतीया से जुड़ी कुछ खास बातें
पंडितों का मानना है कि अक्षय तृतीया के दिन ही सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी। भगवान परशुराम भी अक्षय तृतीया के दिन धरती पर अवतार लिए थे। मां गंगा का भी धरती पर इसी दिन आगमन हुआ था। अक्षय तृतीया की पवित्र तिथि के दिन महर्षि व्यास ने महाभारत लिखना प्रारम्भ किया था। इसी दिन बदरीनाथ धाम के कपाट खुलते हैं और वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में श्री विग्रह के चरणों के दर्शन होते हैं।
अक्षय तृतीया पर इन कामों से रहें दूर
अक्षय तृतीया के दिन किए गए कर्मों का फल अक्षुण होता है इसलिए कभी भी किसी प्रकार का अत्याचार न करें। पंडितों के अनुसार इस दिन किए गए किसी भी कार्य का फल अगले कई जन्मों तक हमारा पीछा करता रहता है। इसलिए इस दिन सावधानी बरतें तथा किसी प्रकार का वाद-विवाद न करें। साथ ही व्रत रखने वाले व्यक्ति कभी भी सेंधा नमक का खाने में इस्तेमाल न करें।
घर में इन कामों को करने से मिलता है विशेष लाभ
अक्षय तृतीया के दिन घर में सेंधा नमक रखना विशेष फलदायी होता है इसलिए घर में सेंधा नमक जरूर रखें। पंडितों के अनुसार घर में पीली सरसों रखने से लक्ष्मी माता की कृपा सदैव बनी रहती है। इसलिए इस पवित्र दिन पीली सरसो भी रखें। ऐसा करने से न केवल आपकी आर्थिक परेशानियां दूर होगी बल्कि लक्ष्मी जी का आशीर्वीद भी प्राप्त होगा।
अक्षय तृतीया पर क्यों खरीदते हैं सोना?
अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदना शुभ होता है। इसे धन लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है और यह एक कीमती धातु है। अक्षय तृतीया के दिन प्राप्त किया गया धन हमेशा साथ रहता है। इस दिन आप जो भी कार्य करते हैं, उसका फल अक्षय रहता है। इस वजह से लोग अक्षय तृतीया पर सोना खरीदकर घर लाते हैं ताकि उनका धन सदैव बना रहे। आप सोना के अलावा चांदी, कीमती आभूषण या फिर जौ भी खरीद सकते हैं।
अक्षय तृतीया सोने खरीदारी का शुभ मुहूर्त
अक्षय तृतीया के दिन सोने की खरीदारी 22 अप्रैल को सुबह 07 बजकर 49 मिनट से अगले दिन 23 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 48 मिनट के बीच किया जा सकेगा। मान्यता है कि इस शुभ मुहूर्त में खरीदारी करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है और साधक की तिजोरी कभी खाली नहीं रहती है।
इन कामों से सोने के बराबर मिलेगा फल
अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने का विशेष महत्व होता है। अगर आप किसी कारण से सोना नहीं खरीद पाते हैं घर में मिट्टी का दिया जलाएं। शास्त्रों में अक्षय तृतीया के दिन मिट्टी के दिए जलाना सोना खरीदने के समान माना गया है।