क्रिप्टोकरेंसी से वित्तीय स्थिरता को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है-आरबीआई गर्वनर

Cryptocurrency: आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास(RBI Governor Shaktikanta Das)  ने कहा कि निजी क्रिप्टोकरेंसी से वित्तीय संकट पैदा हो सकता है. उन्होंने क्रिप्टो को सट्टेबाजी का जरिया भी करार दिया है. आरबीआई गर्वनर बीते कई महीनों से क्रिप्टोकरेंसी से लगातार आगाह करते रहे हैं.

BFSI समिट को संबोधित करते हुए आरबीआई गर्वनर ने कहा कि वित्तीय स्थिरता के लिए क्रिप्टोकरेंसी बेहद खतरनाक है. उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी का वैल्यूएशन का कोई आधार नहीं है और ये पूरी तरह अनुमान पर आधारित है. आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ अपनी राय को बार-बार दोहराया है. आरबीआई गर्वनर पहले भी कह चुके हैं कि इससे देश की व्यापक आर्थिक ( Macro Economic) और वित्तीय स्थिरता () को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है.

माना जा रहा था कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने के लिए संसद में बिल लेकर आएगी. लेकिन सरकार इस बिल को लाने से पीछे हट चुकी है. हाल ही में संसद में सरकार से इसे लेकर सवाल भी पूछा गया. जिसके जवाब में सरकार ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी एक ग्लोबल मुद्दा है. और केवल भारत में रेग्युलेट करने से काम नहीं चलेगा. पूरी दुनिया को साथ मिलकर इसे रेग्युलेट करने के लिए कदम उठाने होंगे.

2022-23 वित्त वर्ष के लिए बजट करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे पर पर 30 फीसदी का टैक्स लगाने कर दिया जो एक अप्रैल 2022 से लागू हो चुका है. एक अप्रैल, 2022 से बिट्कॉइन जैसे सभी क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांसफर पर सरचार्ज और सेस के साथ 30 फीसदी इनकम टैक्स वसूली का नियम लागू है. इसके बाद वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDAs) यानि क्रिप्टोकरेंसी और नॉन फंजिबल टोकन (NFT) के ट्रांसफर पर किए जाने भुगतान पर 1 फीसदी टीडीएस ( Tax Deducted At Source) लगाने का प्रावधान लागू हो चुका है. 10,000 रुपये से ज्यादा के ट्रांजैक्शन पर 1 फीसदी टीडीएस (TDS) लगा दिया गया था. क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांसफर के समय अगर खरीदार के पास पैन नहीं है तो 20 फीसदी के दर से टैक्स लगाने का नियम है. और अगर खरीदार ने आयकर रिटर्न नहीं भरा है तो 5 फीसदी के दर से टीडीएस का भुगतान करना होता है.

News Source Link:

Related Articles

Back to top button