सीबीआई ने वीडियोकॉन के सीईओ वेणुगोपाल धूत को किया गिरफ्तार

Mumbai: सीबीआई ने सोमवार को कथित आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वीडियोकॉन के सीईओ वेणुगोपाल धूत(CEO Venugopal Dhoot)  को गिरफ्तार किया. सीईओ को मुंबई से गिरफ्तार किया गया . इससे पहले, एजेंसी ने मामले के संबंध में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर(Chanda Kochhar)  और उनके पति पक कोचर को गिरफ्तार किया था.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईसीआईसीआई बैंक की तत्कालीन सीईओ चंदा कोचर के खिलाफ आरोपों की पुष्टि की कि उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप ऑफ कंपनीज के लिए कर्ज चुकाया था. आगे यह भी आरोप लगाया गया कि उनके पति दीपक कोचर के स्वामित्व वाली एक कंपनी ने वीडियोकॉन से एक मुआवज़े के हिस्से के रूप में निवेश प्राप्त किया. यह मामला उद्योगपति वेणुगोपाल धूत द्वारा नियंत्रित वीडियोकॉन समूह को आईसीआईसीआई द्वारा दिए गए 3,250 करोड़ रुपये के लोन से जुड़ा है, जब चंदा कोचर बैंक की प्रमुख थी.

दर्ज किया गया था भ्रष्टाचार का मामला

2019 में, सीबीआई ने वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, न्यूपॉवर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड, वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड, सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों के नाम के अलावा कोचर दंपति और वेनुगोपाल धूत को भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया था. एक कथित लेन-देन में, सीबीआई ने दावा किया कि वीडियोकॉन समूह को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ रुपये का लोन मिलने के बाद, धूत ने कथित तौर पर 64 करोड़ रुपये नूपावर रिन्यूएबल्स में ट्रांसफर कर दिए, जहां दीपक कोचर की 50 फीसदी हिस्सेदारी थी.

चंदा कोचर ने वीडियोकॉन ग्रुप की कंपनियों के लिए क्रेडिट क्रेडिट लिमिट तय की थी. सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि कोचर के तहत, आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप और अन्य को बैंक की पॉलिसी को दरकिनार करते हुए लोन अप्रूव किया, और बाद में इन्हें एनपीए घोषित कर दिया गया, जिससे बैंक को नुकसान हुआ और उधारकर्ताओं एवं और अभियुक्त को अवैध लाभ हुआ.

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