चीन के खिलाफ कड़े आर्थिक फैसले ले सकता है भारत, चीनी कंपनियों को टेंडर से दूर रखने की मांग

नई दिल्‍ली। चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद देश में चीन के खिलाफ गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। इस घटना के बाद देश में एक बार फिर चीनी सामान के बहिष्कार की मांग जोर पकड़ने लगी है। वहीं सरकार भी हरकत में आ गई है और सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि केंद्र सरकार अब चीन के खिलाफ कड़े आर्थिक प्रतिबंध के फैसले लेने पर भी विचार कर रही है। सूत्रों ने बताया कि भारत सरकार चीन के खिलाफ कड़े आर्थिक फैसले ले सकता है। सूत्रों ने बताया कि दिल्‍ली-मेरठ आरआरटीएस प्रोजेक्‍ट पर चीनी कंपनी के साथ हुए करार को रद्द किया जा सकता है।वहीं दूसरी ओर स्वदेशी जागरण मंच ने केंद्र सरकार से अपील की है कि चीनी कंपनियों को भारत मे टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया जाय। इसके अलावा चीनी सामानों के आयात पर रोक लगाने व किसी भी प्रकार से चीनी सामानों को भारत मे आने से रोकने की भी मांग की गई है

इसके साथ ही मंच ने लोगों से भी चीनी सामानों का बहिष्कार करने की अपील की है। स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक डॉक्टर अश्विनी महाजन ने कहा कि वे फिल्म अभिनेता, खिलाड़ियों और सेलिब्रिटीज से भी अपील कर रहे हैं कि चीनी ब्रांड का प्रोमोशन न करें। उन्होंने कहा कि यही शहीद सैनिकों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

इसके साथ ही स्वदेशी जागरण मंच ने केंद्र सरकार से दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के लिए बोली लगाने वाली चीनी कंपनी शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड की बोली रद्द करने की भी मांग की है। साथ ही महाराष्ट्र सरकार से भी चीनी ऑटो कंपनी ग्रेट वॉल मोटर के साथ हुए 7600 करोड़ रुपए के निवेश समझौते को भी रद्द करने की अपील की है।

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