सोनभद्र मर्डर केस, प्रशासन ने पीडित परिवारों के रिश्तेदारों को गांव के बाहर रोका

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश का सोनभद्र इन दिनों हाल ही में 17 जुलाई को जो घटना घटित हुई उसको लेकर सुर्खियों में है। 17 जुलाई को सोनभद्र में जमीनी विवाद में दस लोगों की जान चली गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। इस घटना को लेकर विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर है और इसे जंगलराज बता रहा है।

प्रशासन ने पीडित परिवारों के रिश्तेदारों को गांव के बाहर रोका। प्रशासन ने पीडित परिवारों (जिनके लोग मरे है) के रिश्तेदारों को भी वहां जाने से रोका जा रहा है।
प्रियंका गांधी कहा, मैं सोनभद्र जाऊंगी, चाहे प्रशासन मुझे अपनी गाड़ी से लेकर जाए। सरकार को जो करना है करे। मैं बिना मिले नहीं जाऊंगी। मैं धारा 144 का उल्लंघन नहीं करूंगी। मैंने अधिकारियों से कहा कि सरकार मिर्जापुर, बनारस या सोनभद्र में कहीं भी मुझे पीड़ित परिवारों से मिलवा दे। मुझे रोकने का आदेश अधिकारी नहीं दिखा रहे हैं।
सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों से मिलने आ रहे TMC सांसदों को वाराणसी एयरपोर्ट पर रोका गया। तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओब्रायन ने कहा, ‘सोनभद्र के पीड़ितों से मिलने जा रहे तृणमूल कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को वाराणसी एयरपोर्ट पर हिरासत में ले लिया गया है। एडीएम, एसपी ने हमें यह नहीं बताया कि किस धारा के तहत हिरासत में लिया गया है।
प्रियंका गांधी को हिरासत में लिए जाने के विरोध में कांग्रेस प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जगहों पर युवा कांग्रेस कार्यकर्ता योगी सरकार का पुतला दहन कर अपना विरोध जता रहे हैं।
चुनार गेस्ट हाउस, जहां कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी धरने पर हैं वहां और पार्टी कार्यकर्ता भी धरने पर बैठे हैं। सुबह से ही कांग्रेस कार्यकर्ता वहां पहुंचना शुरू हो गए हैं। पुलिस ने आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

प्रियंका गांधी को मनाने मिर्ज़ापुर के कमिश्नर से लेकर डीआईजी और एडीजी तक आ गए, लेकिन प्रियंका सोनभद्र के उम्भा गांव में मारे गए आदिवासियों के परिवार से मिलने पर अड़ी हैं। प्रियंका गांधी ने मिर्ज़ापुर में चुनार गेस्ट हाउस से ही ट्वीट भी किया और कहा उन्हें जबरन गिरफ्तार करके रखा गया है।
लोकल फॉल्ट के कारण चुनार गेस्ट हाउस की बिजली कट गई तो प्रियंका गांधी ने अंधेरे में ही गेस्ट हाउस में कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। चुनार गेस्ट हाउस की बिजली चली जाने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार पर जान-बूझकर बिजली कटौती का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि वे प्रियंका गांधी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को परेशान करना चाहते हैं।

वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस घटनाक्रम पर सरकार को घेरा है और इसका विरोध जताने के लिए वो शुक्रवार को घटनास्थल पर जाने के लिए बनारस पहुंच गईं। बनारस में प्रियंका ने ट्रामा सेंटर जाकर घायलों का कुशलक्षेम पूछा। प्रशासन ने सोनभद्र में धारा 144 का हवाला देते हुए प्रियंका गांधी को वाराणसी में रोक लिया और हिरासत में लेकर चुनार गेस्ट हाउस भेज दिया। प्रियंका गांघी का कहना है कि वो किसी भी कीमत पर सोनभद्र जाएंगी। इस बीच कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आरोप है कि परेशान करने की नीयत से चुनार गेस्ट हाउस की बिजली बार बार काटी जा रही है।

सरकार को घेरने के मकसद से प्रियंका गांधी सोनभद्र पहुंचना चाह रही थीं, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें घटनास्थल पर जाने से रोक दिया। प्रियंका गांधी समेत कई कांग्रेस नेताओं को मिर्जापुर के चुनार गेस्ट हाउस में रखा गया। प्रियंका गांधी घटनास्थल पर न जाने देने का कारण जानने के लिए धरने पर बैठ गईं।

प्रियंका गांधी ने कहा कि अगर उन्हें वहां नहीं जाने दिया गया, तो यहां से हटेंगी नहीं और धरने पर बैठी रहेंगी। प्रियंका गांधी ने अधिकारियों से कहा कि किस आदेश के तहत उन्हें हिरासत में लिया गया है। इसका वो कारण जानना चाहती हैं।

अधिकारियों का कहना है कि वहां पर धारा 144 लगाई गई है, जिसके कारण घटनास्थल पर जाने से कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है। हालांकि प्रियंका गांधी का कहना है कि वो वहां पर केवल चार लोगों के साथ ही जाना चाहती हैं।

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