भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में हुई उम्‍मीद से अधिक जोरदार रिकवरी, मांग में स्थिरता बनाए रखने की जरूरत

नई दिल्‍ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि  कोरोना वायरस महामारी के कारण राष्‍ट्रव्‍यापी लॉकडाउन के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था ने उम्मीद से अधिक जोरदार वापसी की है। अब हमें त्योहारी सीजन के बाद मांग में स्थिरता पर नजर बनाए रखने की जरूरत है।फॉरेन एक्‍सचेंज डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के वार्षिक कार्यक्रम का वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि आरबीआई वित्तीय बाजारों के कामकाज को व्यवस्थित बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने कहा कि हम किसी भी नकारात्मक जोखिम को कम करने के लिए सजग हैं और निरंतर काम करेंगे।

दास ने कहा कि पूंजी खाता परिवर्तनीयता को एक घटना के बजाए एक प्रक्रिया के रूप में देखने का नजरिया जारी रहेगा। उन्‍होंने कहा कि पूरी दुनिया के साथ ही भारत में भी वृद्धि में गिरावट आने का जोखिम अभी भी बना हुआ है। उल्‍लेखनीय है कि चालू वित्‍त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में 23.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। आरबीआई ने अनुमान जताया है कि वित्‍त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में 9.5 प्रतिशत की गिरावट रह सकती है।

उन्‍होंने कहा कि हालांकि ग्रोथ आउटलुक बेहतर हुआ है, लेकिन यूरोप और भारत के कुछ हिस्‍सों में कोरोना वायरस संक्रमण के दोबारा फैलने के कारण ग्रोथ के लिए डाउनसाइड रिस्‍क अभी भी बरकरार है। त्‍योहार के बाद मांग में स्थिरता बनाए रखने के लिए हमें नजर बनाए रखना होगा।

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