नई शिक्षा नीति में बड़ा बदलाव, मातृभाषा में पढ़ सकेंगे बच्चे, भाषा का विकल्प बढ़ा

नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (New National Education Policy 2020) को मंजूरी दे दी है. नई शिक्षा नीति की औपचारिक घोषणा केंद्रीय मंत्रियों प्रकाश जावड़ेकर (Union Minister Prakash Javadekar) और डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने संयुक्त रूप से की. घोषणा के दौरान केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई है. नया अकादमिक सत्र सितंबर-अक्टूबर में शुरू होने जा रहा है और सरकार का प्रयास पॉलिसी को इससे पहले लागू करने का है.
प्रेस ब्रीफिंग के दौरान हायर एजुकेशन सेक्रेटरी अमित खरे ने कहा कि शिक्षा में कुल जीडीपी का अभी करीब 4.4% खर्च हो रहा है, लेकिन उसे 6% करने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बहुप्रतीक्षित नई शिक्षा नीति को बुधवार को आखिरकार मंजूरी दे दी.

भाषा का विकल्प बढ़ा
नई शिक्षा नीति में बड़ा बदलाव करते हुए भाषा के विकल्प को बढ़ा दिया गया है. स्टूडेंट्स 2 से 8 साल की उम्र में जल्दी भाषाएं सीख जाते हैं.  इसलिए उन्हें शुरुआत से ही स्थानीय भाषा के साथ तीन अलग-अलग भाषाओं में शिक्षा देने का प्रावधान रखा गया है. नई शिक्षा नीति में छात्रों को कक्षा छह से आठवीं के बीच कम से कम दो साल का लैंग्वेज कोर्स भी प्रस्तावित है.
फिजिकल एजुकेशन को बनाया गया जरूरी

छात्रों का मानसिक के साथ शारीरिक विकास भी हो सके इसके लिए पढ़ाई के साथ फिजिकल एजुकेशन को जरूरी बनाने का नियम रखा गया है. सभी छात्रों को स्कूल के हर स्तर पर खेल, मार्शल आर्ट्स, डांस, गार्डनिंग और योग जैसी एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज भी सुनिश्चित की जाएंगी.

खास प्रोग्राम किया गया है तय
नई शिक्षा नीति में सरकार ने छात्रों के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार करने का भी प्रस्ताव रखा है. इसके लिए 3 से 18 साल के छात्रों के लिए 5+3+3+4 का डिजाइन तय किया गया है. इसके तहत छात्रों की शुरुआती स्टेज की पढ़ाई के लिए 5 साल का प्रोग्राम तय किया गया है. इनमें 3 साल प्री-प्राइमरी और क्लास-1 और 2 को जोड़ा गया है. इसके बाद क्लास-3, 4 और 5 को अगले स्टेज में रखा गया है. इसके अलावा क्लास-6, 7, 8 को तीन साल के प्रोग्राम में बांटा गया है. आखिर क्लास-9, 10, 11, 12 को हाई स्टेज में रखा गया है.

नई शिक्षा नीति के लिए बड़े स्तर पर सलाह
नई शिक्षा नीति के बारे में जानकारी देते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा  कि नई शिक्षा नीति के लिए बड़े स्तर पर सलाह ली गई. 2.5 लाख ग्राम पंचायतों, 6600 ब्लॉक्स, 676 जिलों से सलाह ली गई. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत कोई छात्र एक कोर्स के बीच में अगर कोई दूसरा कोर्स करना चाहे तो पहले कोर्स से सीमित समय के लिए ब्रेक लेकर कर सकता है.

बदला गया HRD का नाम
मानव संसाधन और विकास मंत्रालय ने सिफारिश की थी कि उसका नाम बदल कर शिक्षा मंत्रालय (Ministry Of Education) कर दिया जाए. जिसे बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में स्वीकार कर लिया गया है.

1986 में बनाई थी राष्ट्रीय शिक्षा नीति
इससे पहले मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा था कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में बनाई गई थी और 1992 में संशोधित की गई थी. पिछली नीति तैयार हुए तीन दशक से अधिक समय बीत चुका था.

Related Articles

Back to top button