कोविशील्ड वैक्सीन के दो टीकों के बीच गैप को कम करने पर विचार कर रही है सरकार

कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के दो टीके के बीच अंतर को घटाने पर सरकार विचार कर रही है. इस वक्त दोनों टीके के बीच 12 हफ्ते का गैप रखा गया है. समाचार एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से गुरूवार को बताया कि कोविशील्ड के दो टीके के बीच अंतराल को कम करने पर विचार किया जा रहा है और NTAGI यानी नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑफ इम्यूनाइजेशन इन इंडिया में इस पर चर्चा की जाएगी.

इससे पहले, भारत की दो बड़ी पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स की एसोसिएशन ने केंद्र सरकार से कोविशील्ड वैक्सीन की दो डोज़ की अंतराल को 12 हफ्ते से कम कर 8 हफ्ते करने के लिए सरकार को चिट्ठी लिखी है. इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन और इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन ने सरकार को इस बारें में चिट्टी लिखी है. उनका तर्क है कि लगातार सामने आ रहे म्युटेशन और संक्रमण को रोकने के लिए ऐसा करना सही होगा.

इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन और इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन देश की कम्युनिटी मेडिसिन और पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट की संस्था है, जिन्होंने सरकार को कोविशील्ड वैक्सीन के टीको के अंतराल को कम करने के लिए लिखा है. उनके मुताबिक जब वैक्सीन ट्रायल शुरू हुआ तब अंतर चार हफ्ते था, जो कारगर लग रहा था, लेकिन उसके बाद ये देखा गया कि समय बढ़ाने पर प्रभावोत्पादकता बढ़ जाती है और साइड इफेक्ट कम होते हैं. इस आधार पर जो एविडेंस आधार थे पर जब ढील दी गई थी. ये टैब था जब वायरस के नए स्ट्रेन नहीं सामने आए थे और ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन नहीं हो रहा था.

डियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ संजय राय ने कहा- स्टडीज भी आ रही है, यूके ने पहले खुद बढ़ाया था. सारी वैक्सीन ट्रायल जो एस्ट्रेजनेका की वहीं हुई थी उस पर उन्होंने पब्लिकेशन भी दिया था जो उनके ट्रायल का आया था. जिसमें क्या 4 हफ्ते का था और एफीकेसी 62 फ़ीसदी थी फिर उन्होंने पाया कि अगर हम गैप बढ़ाते हैं तो एफीकेसी बढ़ जाती है और साइड इफेक्ट कम होते हैं. इस आधार पर जो एविडेंस आधार थे पर डिले अब होता है तो आप प्रोटेक्टेड नहीं रहते.

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