इस्लाम का तकाजा है कि नूपुर शर्मा को माफी दे देनी चाहिए: जमाअत उलेमा ए हिंद
नई दिल्ली. एक तरफ जहां पैगम्बर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर देश भर में हंगामा है वहीं मुस्लिम संगठन जमात उलमा ए हिंद का कहना है कि नूपुर शर्मा ने माफी मांग ली है इसलिए हमें उसे माफ कर देना चाहिए. जमात उलमा ए हिंद के मौलाना सोहेब कासमी का कहना है कि नूपुर शर्मा के मामले में उनके माफी मांगने के बाद इस्लाम का तकाजा है कि उन्हें माफी दे देनी चाहिए. कासमी का कहना है कि अगर नबी होते तो वे भी माफ कर देते जैसा कि उन्होंने पहले किया है.
ओवैसी और मदनी जैसे लोग सिर्फ भड़काने का काम करते हैं
मौलाना कासमी कहते हैं कि माफ करने के लिए बड़ा दिल होना चाहिए. मौलाना कासमी ने कहा, कभी-कभी इस्लाम के बारे में जानकारी ना होने के कारण कई बार गैर जरूरी बयान दिए जाते हैं. जमाअत उलमा ए हिंद का यह मानना है कि असदुद्दीन ओवैसी और मोहम्मद मदनी जैसे लोग आम लोगों को सिर्फ भड़काने का काम करते हैं. जमाअत उलमा ए हिंद जुड़े कारी जलील चिश्ती का कहना है कि हम देश के 20 करोड़ लोगों की नहीं बल्कि पूरे देश के लोगों की बात करते हैं.
बुलडोजर की कार्रवाई सही
जमाअत उलेमा ए हिंद असदुद्दीन ओवैसी और मदनी सहित लोगों को भड़काने और हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ जल्द ही फतवा जारी करने वाला है और इसके लिए 100 से अधिक देशभर के मौलानाओं के हस्ताक्षर लिए जा रहे हैं. इनका आरोप है कि ये दूसरे को तो भड़काते हैं और का खामियाजा उन्हें युवकों को भुगतना पड़ता है जो हिंसा करते हुए पकड़े जाते हैं. आरोप है कि इस सरकार के आने के बाद इनकी कमाई बंद हो गई है इसीलिए वे इस तरह की कार्रवाई कर रहे हैं. इन्होंने दंगा भड़काने और हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई को भी सही बताया.