राम मंदिर के मॉडल में नहीं होगा कोई बदलाव, VHP के प्रस्तावित मॉडल पर ही होगा निर्माण

अयोध्या: अयोध्या में बनने वाने राम मंदिर के मॉडल में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा. राम मंदिर का निर्माण विश्व हिंदू परिषद के प्रस्तावित मॉडल पर ही होगा. ये बातें विहिप उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने अयोध्या के कारसेवकपुरम में कहीं.

आपको बता दें कि एक दिन पहले अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट के कुछ सदस्यों की बैठक हुई थी, जिसके बाद यह बातें निकलकर सामने आई थीं कि विहिप के प्रस्तावित मॉडल में कुछ बदलाव कर राम मंदिर की ऊंचाई 125 फीट से 160 फीट की जा सकती है. ऊंचाई बढ़ाने के लिए राम मंदिर को दो मंजिल की बजाए तीन मंजिल का बनाने की बात कही गई थी.

VHP के मॉडल में नहीं होगा कोई बदलाव 
चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर के मॉडल में बदलाव करने की बात जो कह रहे हैं, वे नहीं चाहते कि राम मंदिर का निर्माण हो. विहिप के मॉडल में कोई भी परिवर्तन हुआ तो राम मंदिर निर्माण में अधिक समय लगेगा. चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने तक रामलला को तिरपाल से निकाल फाइवर के मंदिर में शिफ्ट किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि रामलला और श्रद्धालुओं के बीच बुलेटप्रूफ शीशा होगा. उसके बाहर से ही श्रद्धालु रामलला का दर्शन कर पाएंगे. रामलला को शिफ्ट करने के लिए कलकत्ता से 5 फीट लंबा-चौड़ा फाइवर का मंदिर मंगाया जा रहा है.

विहिप ने 1987 में बनावाया था मॉडल
आपको बता दें कि विश्व हिन्दू परिषद के मॉडल में राम मंदिर का निर्माण अष्टकोणीय आकृति में करने का खाका है. वीएचपी के मॉडल के अनुसार राम मंदिर में पांच प्रवेशद्वार (सिंह द्वार, नृत्य मंडप, रंग मंडप, पूजा-कक्ष और गर्भगृह) होंगे, रामलला की मूर्ति निचले तल पर विराजमान होगी और पूरे मंदिर में लोहे का कहीं भी इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.

शिल्पी चंद्रकांत सोमपुरा ने 1987 में विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल के कहने पर राम मंदिर का मॉडल तैयार किया था. विहिप मॉडल के मुताबिक राम मंदिर के निर्माण में करीब 1.75 लाख घन फुट पत्थरों की जरूरत होगी.

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