साउथ फिल्मों ने मुझे बुरी हिंदी फिल्मों से बचाया है-सोनू सूद

सोनू सूद हिंदी फिल्मों के अलावा साउथ फिल्मों में भी काम करते हैं। वैसे बता दें कि सोनू ने तमिल फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की थी और फिर उन्होंने तेलुगु फिल्म में काम किया था। इसके बाद सोनू ने हिंदी फिल्मों में अपने करियर की शुरुआत की। साल 2002 में सोनू ने शहीद ए आजम से हिंदी फिल्मों में एंट्री ली। अभी सोनू की कई फिल्में रिलीज के लिए तैयार हैं जिसमें हिंदी और साउथ दोनों की फिल्में शामिल हैं। इसी बीच अब सोनू ने हिंदी और साउथ फिल्मों को लेकर ऐसा स्टेटमेंट दिया है जो वायरल हो रहा है। सोनू ने कहा कि साउथ इंडियन फिल्मों में काम करने से वह बुरी हिंदी फिल्मों में काम करने से बचते हैं।

सोनू ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, ‘मैं हमेशा से अपनी स्क्रिप्ट्स को लेकर चूजी रहा हूं चाहे मैं तमिल, तेलुगु या हिंदी फिल्में। साउथ फिल्में मुझे बुरी हिंदी फिल्मों को करने से बचाती हैं। नहीं तो ऐसा फेज आता है जब आप सिर्फ इसलिए काम करते हैं कि आपको सिर्फ बड़ी फिल्म में होना होता है। तो साउथ फिल्में मुझे इन सबसे दूर रखती हैं।’

बता दें कि  सोनू हाल ही में तेलुगु फिल्म आचार्य में नजर आए थे। फिल्म में वह विलेन के किरदार में थे। फिल्म में सोनू के साथ चिरंजीवी और राम चरण लीड रोल में थे। अब सोनू फिल्म पृथ्वीराज में नजर आने वाले हैं। इस फिल्म में अक्षय, पृथ्वीराज का किरादर निभा रहे हैं। वहीं मानुषी छिल्लर, संयोगिता का। वहीं सोनू फिल्म में कवि चांद बरदाई का किरदार निभा रहे हैं।

पृथ्वीराज में आएंगे नजर

अपने किरदार को लेकर सोनू ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘जब मैंने चांद बरदाई की कहानी सुनी, मैं बहुत इंस्पायर किया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे चांद बरदाई का किरदार निभाने का मौका मिलेगा फिल्म में। काश मेरी मां जिंदा होतीं तो वह मुझे देखकर बतातीं कि मैंने सही काम किया या नहीं।’

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