संसद में बैठे कुछ लोगों को बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था को देख जलन हो रही है-निर्मला सीतारमण

नई दिल्‍ली. केंद्रीय वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण  ने सोमवार को लोकसभा में विपक्ष पर करारा निशाना साधा है. उन्‍होंने कहा कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की विकास दर दुनिया में सबसे तेज है और संसद में बैठे कुछ लोगों को यह हजम नहीं हो रहा है. उन्‍होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि संसद में बैठे कुछ लोगों को बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था को देख जलन हो रही है.

वित्‍तमंत्री ने भारतीय करेंसी में आ रही गिरावट का बचाव करते हुए कहा कि अमेरिकी डॉलर को छोड़ दिया तो भारतीय मुद्रा दुनिया की अन्‍य सभी करेंसी के मुकाबले मजबूत हो रही है. रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा भंडार का इस्‍तेमाल कर इसे डॉलर के मुकाबले ज्‍यादा कमजोर होने से भी बचा रहा है. डॉलर के मुकाबले रुपये में आई गिरावट हमारी कमजोरी नहीं है, क्‍योंकि इस समय दुनियाभर की मुद्रा का हाल काफी खराब है, जबकि रुपया उनके मुकाबले मजबूत हुआ है. रिजर्व बैंक इस बात का खास ध्‍यान रख रहा है कि डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में ज्‍यादा कमजोरी न आने पाए और वह इसमें सफल भी हुआ है.

वित्‍तमंत्री ने कहा- यह काफी दुखद है कि संसद में कुछ लोग देश की बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था को देख जलन करते हैं. भारत अभी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था बना हुआ है, लेकिन विपक्ष को इससे समस्‍या है. सभी भारत के विकास पर गर्व करते हैं, जबकि कुछ लोग इसका मजाक बना रहे हैं.

विपक्ष ने उठाया था सवाल
इससे पहले कांग्रेस के सांसद अनुमुला रेवंत रेड्डी ने सवाल उठाया था कि सरकार को इस फैक्‍ट पर ध्‍यान देना चाहिए कि भारतीय मुद्रा दिनोंदिन कमजोर होती जा रही है. यह पहली बार डॉलर के मुकाबले 83 पर पहुंच गई थी. सरकार को इसमें आ रही गिरावट को थामने के लिए कुछ करना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि रुपया और नीचे नहीं जाएगा. उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साल 2013 में दिए एक बयान को कोट करते हुए कहा- सरकार को कोई मजबूत योजना बनानी चाहिए जिससे रुपये को आईसीयू से वापस घर लाया जा सके.

सीतारमण का पलटवार
विपक्ष के इस सवाल पर वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पलटवार करते हुए कहा- आरोप लगाने से पहले देश में एफडीआई और एफआईआई के जरिये आ रहे निवेश के आंकड़ों पर नजर डालें. विपक्ष सिर्फ भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था और उससे जुड़े मुद्दों पर सवाल ही उठाता है. मौजूदा आंकड़ों पर नजर डालें तो भारतीय मुद्रा हर करेंसी के मुकाबले मजबूत हो रही है. अमेरिकी डॉलर में आया उछाल सिर्फ हमारे खिलाफ नहीं है, दुनियाभर की मुद्राएं उसके आगे कमजोर हुई हैं. रिजर्व बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार भी बढ़ रहा है और वह इसका इस्‍तेमाल रुपये में आ रही गिरावट को थामने के लिए कर रहा है.

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