लोकसभा में आज पेश किया जाएगा जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल, कांग्रेस ने जारी किया व्हिप

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में धारा 370 को बेअसर करने वाला बिल आज लोकसभा में पेश किया जाएगा। राज्यसभा में ये ऐतिहासिक बिल कल पास हो चुका है और आज इसे लोकसभा में रखा जाना है। धारा 370 का असर कम करने और जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन करने को लेकर आज लोकसभा में पहले बिल रखा जाएगा उसके बाद इस पर चर्चा होगी। कांग्रेस ने कल राज्यसभा में इस बिल का विरोध करते हुए इसके खिलाफ वोटिंग की थी। आज उसने अपने सांसदो को व्हिप जारी कर दिया है।

अगर ये बिल लोकसभा में भी पास हो जाता है तो जम्मू कश्मीर का नया जन्म हो जाएगा। अब तक कश्मीर में दो-दो झंडे फहराते थे। एक भारत का, दूसरा जम्मू कश्मीर का लेकिन जम्मू-कश्मीर का अब अलग झंडा नहीं रहेगा। अब कश्मीर में सिर्फ राष्ट्रध्वज तिरंगा लहराएगा। अब जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो जाएगा। जम्मू-कश्मीर का अपना संविधान खत्म हो जाएगा। यहां सिर्फ भारत का ही संविधान लागू होगा।

पहले जम्मू-कश्मीर में वोट का अधिकार सिर्फ स्थायी नागरिकों को ही था। दूसरे राज्य के लोग कश्मीर में वोट नहीं डाल सकते थे और न चुनाव में उम्मीदवार बन सकते थे। अब देश का कोई भी नागरिक कश्मीर का वोटर और प्रत्याशी बन सकता है। सोमवार का दिन कई वजहों से ऐतिहासिक था। अमित शाह के साहसिक फैसले ने केवल धारा 370 के असर को ही खत्म नहीं किया बल्कि अब जम्मू-कश्मीर दो केंद्र शासित राज्यों में बंट जाएगा। पहला-जम्मू-कश्मीर और दूसरा लद्दाख।

दो राज्यों में बंटने के बाद अब प्रशासनिक व्यवस्थाएं भी बदल जाएंगी। अब जम्मू-कश्मीर विधानसभा वाला केंद्रशासित प्रदेश होगा। यहां विधानसभा का कार्यकाल 6 साल की जगह 5 साल होगा। वहीं लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी जिसका प्रशासन चंडीगढ की तरह चलेगा। कांग्रेस ने बिल का जमकर विरोध किया और उसके खिलाफ वोटिंग की। बिल के पक्ष में बीजेपी, एआईएडीएमके, एलजेपी, आरपीआई, अकाली दल, शिव सेना, वाईएसआरसीपी, टीआरएस, बीजेडी, टीडीपी, आम आदमी पार्टी और बीएसपी ने वोट किया। वहीं कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, डीएमके, सीपीएम, सीपीआई, मुस्लिम लीग, केरल कांग्रेस और एमडीएमके ने बिल के खिलाफ वोट दिया।

अब आज इस बिल को लोकसभा में आना है और इसका पास होना भी तय है क्योंकि अकेले एनडीए के पास बहुमत है। स्पीकर का वोट अलग कर दें तो बीजेपी 302, शिवसेना 18, लोक जनशक्ति पार्टी 6, अपना दल 2, शिरोमणी अकाली दल 2, अन्य 6 हैं। जिस तरह से राज्यसभा में वोटिंग हुई है उस हिसाब से बीएसपी 10, वाईएसआरसीपी 22, टीआरएस 9, टीडीपी 3, और बीजेडी के 12 सांसद मिलाकर प्रचंड बहुमत खड़ा कर देते हैं। हालांकि जेडीयू ने इस बिल के खिलाफ वोट किया है फिर भी विरोधियों के खेमे में उतने वोट नहीं कि वो इसे रोक सकें।

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