मोदी कैबिनेट: JDU और शिवसेना को मिल सकते हैं 2-2 मंत्रालय, अकाली और LJP को एक-एक विभाग संभव
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री का शपथ-ग्रहण समारोह 30 मई को होने की उलटी गिनती शुरू होने के बाद प्रतिष्ठित मंत्रालयों के लिए कई नाम चर्चा में हैं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि मोदी सरकार की नई कैबिनेट में जेडीयू शिवसेना के दो मंत्री शामिल हो सकते हैं। दोनों पार्टियों को एक कैबिनेट और एक स्वतंत्र प्रभार मिल सकता है। नरेंद्र मोदी सरकार में अकाली दल से सुखबीर बादल और लोकजनशक्ति पार्टी (LJP) से रामविलास पासवान को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। वहीं, अपना दल से अनुप्रिया पटेल भी मंत्रिमंडल में शामिल होंगी।
सूत्रों ने खुलासा किया है कि बंगाल की जीत में बड़ी भूमिका निभाने वाले मुकुल रॉय मंत्रिमंडल में शामिल होने के प्रबल दावेदार हैं। कभी तृणमूल के दिग्गज रहे रॉय ने भाजपा को हराने में बड़ी भूमिका निभाई है। तृणमूल ने शुक्रवार को रॉय के बेटे और अपने विधायक सुभ्रांशु को पार्टी विरोधी बयानों के कारण छह वर्षो के लिए तृणमूल से निलंबित कर दिया था। सुभ्रांशु समेत तृणमूल कांग्रेस के दो विधायक और एक माकपा के विधायक मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गए।
अपने कोटे के 17 में से 16 सीट जीतने वाले जद-यू को राज्य के कोटे से एक और मंत्रालय मिल सकता है। राज्यसभा सदस्य और नीतीश के सहयोगी रामचंद्र प्रसाद सिंह को मोदी नीत सरकार में संभवत: रेल मंत्रालय मिल सकता है। वहीं नीतीश के एक अन्य सहयोगी और मुंगेर सीट से जीत दर्ज करने वाले राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं।
जहां तक भाजपा के पारंपरिक सहयोगी शिवसेना की बात है, पार्टी ने भी अपने कोटे की 20 में से 18 सीटों पर जीत दर्ज की है। प्रधानमंत्री मोदी के पहले कार्यकाल में अनंत गीते भारी उद्योग मंत्री थे। गीते हालांकि इस बार रायगढ़ से राकांपा के सुनील तटकरे से हार गए। इसबार शिवसेना की तरफ से मंत्रिमंडल के लिए दो नाम-अनिल देसाई और संजय राउत के नाम सामने आ रहे हैं। दोनों राज्यसभा सदस्य हैं।
अन्य दावेदार दक्षिण मुंबई के सांसद अरविंद सावंत, यवतमाल-वाशिम की सांसद भावना गवली, रत्नागिरि-सिंधुदुर्ग के सांसद विनायक राउत, बुलधाना के सांसद प्रताप जाधव और ठाणे के सांसद राजन विचारे हैं। वहीं हरसिमरत कौर शिरोमणि अकाली दल की तरफ से एकबार फिर मंत्रिमंडल में शामिल हो सकती हैं। हरसिमरत इससे पहले खाद्य प्रसंस्करण मंत्री थीं।