भारत में लगभग 1 लाख श्रीलंकाई शरणार्थी – केंद्र सरकार
नई दिल्ली । भारत के तमिलनाडु और ओडिशा जैसे राज्यों में कुल 93,032 श्रीलंकाई तमिल शरणार्थी रह रहे हैं और वे नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा करने के बाद पंजीकरण या नागरिकीकरण(नेचुराइलेजेशन) से भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को संसद में यह जानकारी दी। गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार के पुनर्वास विभाग और अनिवासी तमिलों के कल्याण के लिए आयुक्तालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों का हवाला दिया।
एक लिखित जवाब में, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा को सूचित किया कि 58,843 श्रीलंकाई तमिल शरणार्थी तमिलनाडु में 108 शिविरों में रह रहे हैं, जबकि 34,135 गैर-शिविर शरणार्थियों के रूप में रह रहे हैं, लेकिन उन्होंने स्थानीय पुलिस के साथ पंजीकरण कराया है।
इसके अलावा, उपलब्ध जानकारी के अनुसार, 54 श्रीलंकाई तमिल शरणार्थी ओडिशा के मलकानगिरी में शरणार्थी शिविर में रह रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि भारत की नागरिकता, नागरिकता अधिनियम, 1955 के प्रावधानों और उसके द्वारा बनाए गए नियमों द्वारा शासित है।
उन्होंने कहा, “नागरिकता अधिनियम, 1955 में निर्धारित पात्रता मानदंड और उसके बाद बनाए गए नियमों को पूरा करने के बाद श्रीलंकाई नागरिक सहित कोई भी विदेशी नागरिक पंजीकरण या नागरिकीकरण द्वारा भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकता है।”