केंद्र ने सीडीएस नियुक्ति नियमों में किया बदलाव, दिसंबर 2021 से खाली है सेना का सबसे बड़ा पद

नई दिल्ली. सरकार द्वारा जारी अधिसूचनाओं के अनुसार 62 वर्ष से कम आयु के कोई भी सेवारत या सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल और वाइस एडमिरल प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) के पद के लिए पात्र होंगे. संशोधित नियमों के अनुसार सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना के प्रमुखों के साथ इस शीर्ष पद के लिए अन्य अधिकारियों पर विचार किया जा सकता है. सरकार ने किसी भी सेवारत या सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल या वाइस एडमिरल को सीडीएस के रूप में नियुक्त करने के वास्ते प्रावधान करने के लिए वायु सेना अधिनियम, सेना अधिनियम और नौसेना अधिनियम के तहत सोमवार को अलग-अलग अधिसूचना जारी की.

वायु सेना अधिनियम 1950 के तहत जारी अधिसूचना में कहा गया है, “केंद्र सरकार, यदि आवश्यक हो, जनहित में, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष के रूप में एक ऐसे अधिकारी को नियुक्त कर सकती है, जो एयर मार्शल या एयर चीफ मार्शल के रूप में सेवा कर रहे हैं या एक अधिकारी जो एयर मार्शल या एयर चीफ मार्शल के पद से सेवानिवृत्त हो गये हैं, लेकिन नियुक्ति की तारीख को 62 वर्ष के नहीं हुए है.” अधिसूचना में कहा गया है कि सरकार प्रमुख रक्षा अध्यक्ष की सेवा को इतनी अवधि के लिए बढ़ा सकती है जितनी वह आवश्यक समझे, अधिकतम 65 वर्ष की आयु तक. सेना अधिनियम 1950 और नौसेना अधिनियम 1957 के तहत इसी तरह की अधिसूचनाएं जारी की गईं.

तीनों सेनाओं के प्रमुखों का कार्यकाल तीन साल की सेवा या जब वे 62 वर्ष के हो जाते हैं, जो भी पहले हो, तब तक होता है. वास्तव में सेना, नौसेना और वायु सेना के सेवानिवृत्त प्रमुखों के सीडीएस के पद के लिए विचार किए जाने की संभावना नहीं है क्योंकि पद के लिए पात्रता आयु 62 वर्ष रखी गई है.

दिसंबर 2021 से खाली है सीडीएस का पद
सेना के विभिन्न अंगों के बीच आपसी समन्वय को बढ़ाने के लिये चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद सृजित किया गया था, लेकिन यह पद पिछले साल दिसंबर से ही खाली है और इस पर नियुक्ति को लेकर कोई खास सुगबुगाहट भी नहीं है. 8 दिसंबर 2021 में हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से तत्कालीन सीडीएस जनरल विपिन रावत की मौत हो गई थी. वह देश के पहले सीडीएस थे और उनके निधन के बाद अब तक किसी और को इसकी जिम्मेदारी नहीं दी गई है.

जनरल रावत ने एक जनवरी 2020 को संभाली थी सीडीएस की कमान
बीच में ऐसे कयास लगाये जा रहे थे कि सेना प्रमुख के पद से 30 अप्रैल को रिटायर होने के बाद जनरल एम एम नरवणे को देश का दूसरा सीडीएस नियुक्त किया जा सकता है, लेकिन यह बात भी अब कोरी अफवाह साबित हुई है. जनरल रावत दिसंबर 2019 में सेना प्रमुख के पद से रिटायर हुये थे और उन्होंने एक जनवरी 2020 को सीडीएस के रूप में पदभार ग्रहण किया था.

क्यों बनाया गया था सीडीएस का पद
सीडीएस रक्षा मंत्री को थल सेना, नौ सेना और वायु सेना से संबंधित मामलों में मुख्य सैन्य सलाहकार की भूमिका निभाते हैं. सीडीएस पद का सृजन इस विचार के साथ किया गया था कि देश की सेना सम्मिलत होकर काम करे. इसका उद्देश्य प्रशिक्षण, खरीद, भर्ती और संचालन में देश की तीनों सेनाओं के बीच एकजुटता लाना था. सीडीएस सैन्य मामलों के विभाग के दायरे में आने वाले मामलों पर काम करते हैं. सीडीएस की अगुवाई वाली इकाई थल सेना, नौसेना और वायु सेना तथा तीनों के एकीकृत मुख्यालय से संबंधित मामलों को देखती है.

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