कश्मीरी नेताओं को राज्यपाल ने सुनाई खरी खरी, ‘अनावश्यक डर का माहौल नहीं बनाएं’

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शुक्रवार रात को कहा कि अमरनाथ यात्रा को बीच में रोकने को अन्य मुद्दों के साथ जोड़कर ‘‘अनावश्यक भय’’ पैदा किया जा रहा है। उन्होंने राजनीतिक नेताओं से अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने तथा ‘‘अतिशयोक्तिपूर्ण अफवाहों’’ पर भरोसा ना करने के लिए कहने का अनुरोध किया। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के प्रमुख शाह फैसल और पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन तथा इमरान रजा अंसारी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की।राजभवन से जारी एक बयान के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल ने सरकार द्वारा जारी किए परामर्श समेत दिन में हुए घटनाक्रमों से कश्मीर घाटी में भय की स्थिति पैदा होने के बारे में चिंताएं जताईं। सरकार ने अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों से जल्द से जल्द लौटने के लिए कहा है। बयान में कहा गया है, ‘‘राज्यपाल मलिक ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि सुरक्षा एजेंसियों के पास अमरनाथ यात्रा पर आतंकवादी हमलों के संबंध में गंभीर और विश्वसनीय सूचनाएं हैं। इस संदर्भ में सरकार ने परामर्श जारी कर यात्रियों और पर्यटकों से जल्द से जल्द लौटने के लिए कहा है।’’ मलिक ने कहा कि इस कदम को अन्य सभी तरह के मुद्दों से जोड़कर ‘‘अनावश्यक भय’’ उत्पन्न किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘विशुद्ध रूप से सुरक्षा के नजरिये से उठाए गए इस कदम को उन मुद्दों से जोड़ा जा रहा है जिसका इससे कोई संबंध नहीं है। यही भय की वजह है।’’ उन्होंने नेताओं से अपने समर्थकों से मामलों का घालमेल ना करने, शांति बनाए रखने और अतिशयोक्तिपूर्ण अफवाहों पर भरोसा ना करने के लिए कहने का अनुरोध किया। बयान में कहा गया है, ‘‘राज्यपाल ने बारामूला में गुरुवार को और उससे एक दिन पहले श्रीनगर में अनुच्छेद 35-ए पर मामलों को खुद सफाई दी थी।’’ मलिक ने बारामूला और श्रीनगर में कहा था कि जम्मू-कश्मीर को विशेष शक्तियां देने वाले संविधान के अनुच्छेद 35-ए को रद्द करने की कोई योजना नहीं है।

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