MCD में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती: SC ने फैसला सुरक्षित रखा

New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में उपराज्यपाल द्वारा 10 एल्डरमैन की नियुक्ति को लेकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रखते हुए कहा कि एमसीडी में एल्डरमैन की मनोनीत करने की शक्ति एलजी को देने का मतलब है कि वो चुनी गई निकाय को अस्थिर कर सकते हैं।

बता दें, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने दिल्ली सरकार की उस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा, जिसमें एमसीडी में एलडरमैन को मनोनीत करने के लेफ्टिनेंट गवर्नर विनय कुमार सक्सेना के अधिकार को चुनौती दी गई थी।

पीठ ने पहले सवाल किया कि क्या एमसीडी में 12 विशिष्ट लोगों का नामांकन केंद्र के लिए इतनी चिंता का विषय है। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने माना कि एमसीडी में सदस्यों की नियुक्ति की शक्ति एलजी के पास होने का मतलब है कि वह लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई नगर समितियों को अस्थिर कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसपर देखना का एक अलग नजरिया है। क्या एक स्थानीय निकाय में विशेष जानकारी रखने वाले लोगों का नामांकन भारतीय संघ के लिए बड़ी चिंता का विषय है? यह शक्ति एलजी को देने पर वो एमसीडी लको प्रभावी तौर से अस्थिर कर सकते हैं। सीजेआई ने आगे यह भी कहा कि उनके पास वोटिंग की शक्ति होगी। यह सदस्य किसी भी तरफ जा सकते हैं। वरिष्ठ वकील एएम सिंघवी दिल्ली सरकार की तरफ से अदालत पेश हुए थे और उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि जहां भाजपा कमजोर थी वहां एमसीडी के वार्ड कमेटी में मनोनयन किया गया था।

इससे पहले मंगलवार को शीर्ष अदालत ने निर्वाचित सरकार की सहायता और सलाह के बिना एमसीडी में एल्डरमैन को नामित करने के लिए संविधान और कानून के तहत एलजी की शक्ति के स्रोत के बारे में पूछा था।

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