मध्यप्रदेश इंटेलिजेंस की रिपोर्ट ने शिवराज सरकार की टेंशन बढ़ा दी है. ये टेंशन किसानों की नाराजगी के साथ प्रस्तावित किसान आंदोलन में होने वाली हिंसा की आंशका के चलते बढ़ी है. मंदसौर गोलीकांड की बरसी भी बीजेपी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. प्रदेश में किसान आंदोलन की आहट के चलते ही इंटेलिजेंस अलर्ट मोड पर है और सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को भी आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
दरअसल, एक जून को राष्ट्रव्यापी किसान आंदोलन प्रस्तावित है. इस आंदोलन को एक सौ दस किसान संगठनों ने समर्थन दिया है. इसके अलावा छह जून को मंदसौर गोलीकांड की बरसी है. इस बरसी पर कांग्रेस का भी कार्यक्रम प्रस्तावित है.
चुनावी साल होने की वजह से मंदसौर गोलीकांड की बरसी पर कांग्रेस राहुल गांधी समेत बड़े नेताओं को मध्यप्रदेश बुला सकती है. सूत्रों ने बताया कि किसान आंदोलन और मंदसौर गोलीकांड की बरसी के मद्देनजर इंटेलिजेंस ने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसने जरूर बीजेपी की टेंशन बढ़ाई है.
दरअसल, प्रदेशभर में एक जून हो प्रस्तावित किसान आंदोलन में हिंसा होने का इनपुट भी इंटेलिजेंस को मिला है. इंटेलिजेंस आईजी मकरंद देउस्कर का कहना है कि किसान आंदोलन करने वाले सभी संगठन शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने की बात कहते हैं, लेकिन आंदोलन के समय जमीनी हकीकत दूसरी रहती है. इसलिए पुलिस मुख्यालय ने अपने स्तर पर तैयारियां करने के साथ जिलों के एसपी को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं.
एमपी में फिर सुलग रहा है किसानों का आक्रोश, टेंशन में शिवराज सरकार
मध्यप्रदेश में किसान संगठनों का एक धड़ा सरकार से नाराज चल रहा है. संगठनों की वजह से किसान भी नाराज है. इसी नाराजगी से किसानों का वोट बैंक बिगड़ने की चिंता शिवराज सरकार को सता रही है. हालांकि, सरकार चुनाव से पहले किसानों की नाराजगी को दूर करने की कोशिश कर रही है. सरकार ने सभी जिलों के कलेक्टरों को मंडियों में होने वाली किसानों की समस्याओं का निराकरण करने के निर्देश दिए हैं. प्रशासन को किसानों के संगठनों से संवाद स्थापित करने के लिए भी कहा गया है.