मुश्किल में ओवैसी, अयोध्या विवाद पर फैसले के बाद बयानबाजी पड़ी भारी, शिकायत दर्ज

भोपाल। अयोध्या के रामजन्मभूमि – बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने नाराजगी जताई थी। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा था कि हमें किसी से दान (में भूमि लेने) की जरूरत नहीं है। हमें सहायता देने की आवश्यकता नहीं है। आज भी, अगर मैं हैदराबाद की सड़कों पर मांगना शुरू कर दूं तो आवाम इतना पैसा दे देगी कि मैं उत्तर प्रदेश में पांच एकड़ भूमि खरीद सकता हूं।उनके इस बयान से नाराज भोपाल के एक वकील पवन यादव ने उनके खिलाफ जहांगीराबाद पुलिस स्टेशन में उकसाने वाला बयान देने और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ जाने के आरोप में शिकायत दर्ज करवाई है।

क्या बोले थे ओवेसी

AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायलय के फैसले को ‘‘तथ्यों पर विश्वास की जीत’’ करार देते हुए मस्जिद बनाने के लिए विकल्प के तौर पर पांच एकड़ जमीन दिये जाने को खारिज करने की सलाह दी थी।

उच्चतम न्यायालय के फैसले से असंतुष्ट ओवैसी ने संवाददाताओं से बातचीत में पूर्व प्रधान न्यायाधीश जे एस वर्मा के बयान का हवाला देते हुए कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय वस्तुत: सर्वोच्च है और अंतिम हैं, लेकिन उनसे भी गलती हो सकती है। यह तथ्यों के ऊपर विश्वास की जीत वाला फैसला है।’’

उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि केंद्र मुस्लिम पक्ष को मस्जिद निर्माण के लिए विकल्प के तौर पर पांच एकड़ जमीन मुहैया कराए। इस पर ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम पक्ष कानूनी अधिकार के लिए लड़ रहा था और किसी से भी दान की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है कि मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ जमीन के दिये जाने के प्रस्ताव को खारिज कर देना चाहिए।

भाजपा और संघ पर लगाया था बड़ा आरोप

ओवैसी ने आरोप लगाया था कि संघ परिवार और भाजपा देश को ‘‘हिंदू राष्ट्र’’ की ओर ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों ने 1992 में बाबरी मस्जिद गिरायी थी, उन लोगों को न्यास का गठन करने और राम मंदिर निर्माण शुरू कराने के लिए कहा गया है। अब संघ परिवार और भाजपा अयोध्या से शुरू करेंगे और राष्ट्रीय नागरिक पंजी, नागरिक संशोधन विधेयक भाजपा इसका इस्तेमाल करेगी।’’

ओवैसे ने सवाल किया था कि उच्चतम न्यायालय के फैसले से क्या होगा, कि 1992 में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त नहीं किया गया था और 1949 में मूर्तियां नहीं रखी गयी थी। उन्होंने दावा किया कि विवादित ढ़ांचा संघ परिवार एवं कांग्रेस की साजिश की ‘‘भेंट’’ चढ़ गया। ओवैसी ने कहा कि उन्हें अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है कि वह इससे संतुष्ट नहीं हैं और यह अदालत की अवमानना नहीं हो सकती है।

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