अफगानिस्तान में शिया मस्जिद में विस्फोट, 100 से ज्यादा की मौत

काबुल: उत्तरी अफगानिस्तान की एक मस्जिद में शुक्रवार को एक शक्तिशाली विस्फोट में 100 से ज्याजा लोगों की मौत की खबर आ रही है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शुक्रवार की साप्ताहिक नमाज के दौरान कुंदुज प्रांत में एक शिया मस्जिद में यह विस्फोट हुआ। उत्तरी अफगानिस्तान की कुंदुज प्रांत एक शिया मस्जिद में यह विस्फोट हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि वे जब नमाज अदा कर रहे थे, तो उन्होंने विस्फोट की आवाज सुनी। बताया जा रहा है कि विस्फोट में कई लोग घायल हुए हैं। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने बताया कि कुंदुज प्रांत की राजधानी बंदर के खान आबाद कस्बे में यह धमाका हुआ है। वहीं, स्थानीय मीडिया ने दर्जनों के हताहत होने की खबर दी है। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में काबिज होने के बाद से अस्थिरता का माहौल बना हुआ है। अभी विस्फोट के पीछे की वजह का पता नहीं चला है। कुंदुज प्रांत में हुए विस्फोट के लिए अभी किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन इस्लामिक स्टेट आतंकवादियों का अफगानिस्तान के शिया मुस्लिम अल्संख्यकों पर हमला करने का लंबा इतिहास है। मृतक संख्या की पुष्टि हो जाने पर, शुक्रवार का हमला अमेरिका और नाटो सैनिकों की अगस्त के अंत में अफानिस्तान से वापसी और देश पर तालिबान के कब्जे के बाद भीषण हमला है और जिसमें मौतों की संख्या सर्वाधिक है। अफगानिस्तान का तालिबान नेतृत्व स्थानीय इस्लामिक स्टेट से संबद्ध संगठनों की ओर से पैदा किए जा रहे खतरों से जूझ रहा है। इस्लामिक स्टेट अपने प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बना रहा है और काबुल में दो बम हमले किए। इस्लामिक स्टेट अफगानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यक वर्ग को भी निशाना बनाता है। समाचार एजेंसी AFP ने अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक बताया कि अफगानिस्तान के कुंदुज मस्जिद विस्फोट में कम से कम 100 लोग मारे गए हैं। अगस्त के मध्य में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से आइएसआइएल (Islamic State of Iraq and the Levant-ISIL) से जुड़े आतंकवादियों के हमले बढ़ गए हैं। तालिबान की वापसी के बाद से अफगानिस्‍तान में हालात और खराब हो गए हैं। आतंकवादी हमलों में वृद्धि ने दोनों समूहों के बीच व्यापक संघर्ष की संभावना को बढ़ा दिया है। इससे पहले रविवार को काबुल की एक मस्जिद में हुए विस्फोट में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई थी और 32 अन्य घायल हो गए थे। घटना काबुल की ईदगाह मस्जिद में भीड़भाड़ वाली जगह पर हुई थी।हाल ही में पाकिस्तान में मौजूद संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की हाई कमिश्नर फिलिपो ग्रांडी ने कहा था कि अफगानिस्तान में मानवीय स्थितियां बहुत ही खराब हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तत्काल मदद के लिए आगे आना चाहिए। आलम यह है कि अफगानिस्तान की आर्थिक व्यवस्था ध्वस्त हो गई है, लोग रोजी रोटी के संकट से जूझ रहे हैं।

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