मैं जरूरी नहीं, कहानी जरूरी है- पंकज त्रिपाठी

पंकज त्रिपाठी बॉलीवुड के वह अभिनेता हैं, जो अपने खास तरह के अभिनय के लिए जाने जाते हैं।अपनी फिल्मों के चुनाव और अभिनय से उन्होंने अपना अलग प्रशंसक वर्ग बनाया है। उनके प्रशंसकों को भरोसा होता है कि अगर फिल्म में पंकज हैं, तो फिल्म में कुछ अच्छा ही होगा।अब एक इंटरव्यू में उन्होंने न केवल अपनी स्क्रिप्ट के चुनाव पर बात की, बल्कि यह भी कहा कि वह खुद को स्टार नहीं समझते हैं।

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में पंकज ने अपने लिए फिल्में चुनने पर बात की।उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, “मेरा दिमाग सही है, मैं अपने लिए अच्छी कहानियां सुन लेता हूं और चुन लेता हूं।”उन्होंने कहा कि शुरुआत के दिनों में यह स्थिति नहीं थी कि वह अपने लिए कुछ चुन सकें, क्योंकि वह खुद संघर्ष कर रहे थे। अब अच्छी कहानियां मिल जाती हैं और समय नहीं होता। ऐसे में उस कहानी के लिए समय निकालना पड़ता है।

पहले ठुकरा दी थी ‘OMG 2’

जब पंकज के पास ‘ओह माय गॉड 2‘ की स्क्रिप्ट आई थी तब उनके पास इसे करने के लिए 5 महीने का समय नहीं था। उन्होंने इसके लिए मना कर दिया।इसके बाद निर्देशक अमित राय ने उन्हें कहानी सुनने के लिए मनाया। कहानी सुनने के बाद पंकज को लगा कि यह एक जरूरी फिल्म है।उन्होंने निर्देशक से कहा, “आप मुझे 2 दिन का समय दीजिए, मैं कुछ भी करके निकालता हूं 5 महीने।”

‘दिमाग सही है’ के अपने ही बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “मैं अपनी बात कर रहा हूं। जब मुझे लगने लगे कि मैं हीरो हूं, मैं ही मैं हूं, लोग मुझे देखने आ रहे हैं, तो कुछ गड़बड़ है। मेरा हमेशा यह विश्वास रहा है कि मैं जरूरी नहीं हूं, कहानी जरूरी है।”पंकज के अनुसार, अभिनय रेसलिंग की तरह है, जहां 2 अभिनेता आपस में नहीं लड़ते, वे दृश्य को बेहतर बनाने के लिए लड़ते हैं।

पंकज ने ‘OMG 2’ में मुख्य भूमिका निभाई है। फिल्म में उनके साथ अक्षय कुमार और यामी गौतम नजर आए हैं।यह फिल्म बच्चों और किशोरों के लिए सेक्स एजुकेशन की अनिवार्यता का संदेश देती है।एक तरफ फिल्म बच्चों के लिए संदेश देने वाली है, तो दूसरी तरफ सेंसर बोर्ड ने फिल्म को A-सर्टिफिकेट दे दिया, यानी कि फिल्म देखने की अनुमति सिर्फ वयस्कों को है। ऐसे में पंकज सेंसर बोर्ड से निराश हैं।

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