सर्दियों में ठंडा पानी पीते हैं तो हो जाएं सावधान, हो सकता है हार्ट अटैक

सर्दियों में यूं तो पानी में हाथ लगाने से भी डर लगता है लेकिन पानी गर्म करके  पीने की बात आए तो आप आलस करते हुए ठंडा पानी ही गटक जाते हैं। सर्दियों में डॉक्टर गुनगुना पानी पीने की सलाह देते हैं औऱ उसके कई मायने होते हैं। सर्दियों में ठंडा पानी बच्चों और बुजुर्गों को तो नुकसान करता ही है, सामान्य लोगों के  लिए भी परेशानी का सबब बन जाता है।

आइए जानते हैं कि सर्दियों में ठंडा पानी  पीने के क्या क्या नुकसान होते हैं, जिन्हें आप आमतौर पर नजरंदाज कर डालते हैं।

सर्दियों में ठंडा पानी कमजोर दांतों के लिए बहुत नुकसानदेय होता है। इससे सेंसेटिव दांतों में झनझनाहट और टीस उठती है। सर्दियों में ठंडा पानी दांतों की नसों को कमजोर करता है।

साइनस की प्रॉबलम
सर्दियों में ठंडा पानी साइनस का कारण बन सकता है। ठंडा पानी पीने की वजह से होने वाला नुकसान सर्दियों में साइनस का रूप ले लेता है। इससे नाक में बलगम बनता है औऱ सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। सांस लेने में दिक्कत होने पर गले की श्वास नली पर जोर पड़ता है और अस्थमा अटैक पड़ सकता है। साइनस के मरीजों को सर्दियों में ठंडा पानी बिलकुल नहीं पीना चाहिए।

हार्ट अटैक का खतरा
सर्दियो में ठंडा पानी पीने से दिल की धड़कन धीमी हो जाती है क्योंकि ठंडे पानी को शरीर में जज्ब करने के  लिए दिल को एक्सट्रा मेहनत करनी पड़ती है। वैज्ञानिकों ने शोध के बाद बताया है कि ठंडा पानी पीने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि ठंडा पानी  शरीर की वैगस तंत्रिका को ठंड के कारण सिकोड़ देता है। ध्यान रहे कि यही नर्व आपके उस नर्वस सिस्टम को संचालित करते हैं जो शरीर की कई गतिविधियों को कंट्रोल करता है। नर्व के डिस्टर्ब होने पर हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए आपने सर्दियों में हार्ट अटैक के ज्यादा केस सुने होंगे।

टॉन्सिल्स 
सर्दियों में ठंडा पानी पीने से टॉन्सिल्स की प्रॉब्लम बढ़ जाती है।

कब्ज बढ़ाता है
सर्दियों में ठंडा पानी पीने से कब्ज की समस्या हो जाती है। दरअसल ठंडा पानी आंतों में मौजूद भोजन को साफ नहीं कर पाता और इससे कब्ज की समस्या  हो जाती है।

खासकर दिल के रोगियों को ठंडे पानी और ठंडी चीजों से दूर रहना चाहिए क्योंकि सर्दियों में उनका नर्व सिस्टम कमजोर होता है। सर्दियों में खाना खाने के बाद ठंडा पानी पीने से इसका असर सीधे आपके पित्ताशय में होता है। ये बहुत ही हानिकारक है। विज्ञान कहता है कि हमारे शरीर का नार्मल तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है। इसलिए हमारे शरीर के लिए 20-22 डिग्री सेल्‍सियस तापमान का पानी ठीक है। इससे ज्यादा ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए।

उपाय – एकमात्र उपाय यही है कि सर्दियो में ठंडा पानी पीने से बचें। ज्यादा गर्म या गर्म पानी नहीं बल्कि गुनगुना पानी पिएं। गुनगुना पानी ह्रदय के लिए बेहतर है और इससे सर्दियों में आपका मेटाबॉलिज्म भी मजबूत होगा क्योंकि गुनगुना पानी आंतों को साफ करेगा। बच्चों और बुजुर्गों को खासतौर पर गुनगुना पानी पीने को दें।

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