अखिलेश-मायावती आज करेंगे प्रेस कांफ्रेंस, गठबंधन का कर सकते है ऐलान

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती और समाजवादी पार्टी (एसपी) प्रमुख अखिलेश यादव आज लखनऊ में साझा प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। उत्तर प्रदेश में बीजेपी से मुकाबले के लिए गठबंधन का एलान कर सकते है। एसपी-बीएसपी ने कांग्रेस को गठबंधन में जगह नहीं दी है। सूत्रों के मुताबिक, बीएसपी-एसपी दोनों पार्टियां लोकसभा चुनाव में 37-37 सीटों पर लड़ सकती है। सूबे में लोकसभा की 80 सीटें है।
बाकी छह सीटें छोटे दलों के लिए छोड़ी गई है। हालांकि छोटे दल कम सीटों की संभावना से नाराज हैं। अजित सिंह की पार्टी कम से कम चार सीटों की मांग पर अड़ी है और एसपी-बीएसपी गठबंधन तीन सीटों से ज्यादा देने के लिए तैयार नहीं है। वहीं दोनों दलों ने अमेठी और रायबरेली सीट पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है। आपको बता दें कि अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से सोनिया गांधी सांसद हैं।
हमारा काम बोलता है, भाजपा का झूठ बोलता है–समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के महागठबंधन के ऐलान से पहले पूरा लखनऊ शहर पोस्टरों से पट गया है। जगह-जगह सपा और बसपा के समर्थकों ने पोस्टर लगाया है। इन पोस्टर में कई नारे लिखे है, जैसे – हमारा काम बोलता है, भाजपा का झूठ बोलता है।
मायावती को रिसीव करने उनके घर जाएंगे अखिलेश
लखनऊ में महागठबंधन के प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती के घर के बाहर और समाजवादी पार्टी के कार्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि दोनों नेताओं के मिलन से नए युग की शुरुआत हो रही है। सबकी सहमति और सबके सहयोग से हमें बीजेपी को उखाड़ फेंकेगे। दोपहर करीब 11.30 बजे खुद अखिलेश यादव, मायावती के घर उन्हें रिसीव करने जाएंगे। इसके बाद दोनों नेता होटल ताज पहुंचेंगे।

सीट बंटवारे पर रालोद में नाराजगी – सूत्र
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से रालोद दूरी बना सकती है। सूत्रों के मुताबिक, अजित सिंह की पार्टी रालोद नाराज है। उसकी नाराजगी की वजह सीट बंटवारा है। बताया जा रहा है कि रालोद को 3 सीट देने का प्रस्ताव है, जबकि उसकी 6 सीटों पर चुनाव लडऩे की मांग है।

कांग्रेस ने इसे बताया बेहद खतरनाक गलती 
कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव में एसपी-बीएसपी के साथ महागठबंधन बनाकर लडऩे की उम्मीद में थी। लेकिन तमाम सिसायी नफा-नुकसान के आंकलन के बाद दोनों दलों ने कांग्रेस को जगह नहीं दी। कांग्रेस ने इसे बेहद खतरनाक गलती बताया है।

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