सुप्रीम कोर्ट ने कहा, पीड़िता के परिवार को CRPF की सुरक्षा दी जाएगी

लखनऊ/नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय(Supreme Court) में आज उन्नाव रेप कांड (unnao rape case)को लेकर सुनवाई हुई। सु्प्रीम कोर्ट ने इस मामले से जुड़े सभी केस उत्तर प्रदेश से बाहर ट्रांसफर कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट आज पीड़िता की मां की चिट्ठी पर सुनवाई की है।

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि पीड़िता के परिवार को CRPF की सुरक्षा दी जाएगी। पीड़िता के साथ-साथ वकील को भी यही सुरक्षा दी जाएगी। इसके अलावा उत्तर प्रदेश की सरकार को पीड़िता को 25 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है।

उन्नाव रेप और सड़क हादसे मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश दिया है कि सभी केस को लखनऊ से दिल्ली ट्रांसफर किया जाए। साथ ही कहा कि इस मामले में हर दिन सुनवाई होगी और 45 दिनों में कोर्ट को अपना निर्णय देना होगा। साथ ही सीजेआई ने कहा कि सभी केसों की सुनवाई एक ही जज करेंगे।
-उन्नाव केस की पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी गई है। डॉक्टरों की रिपोर्ट के मुताबिक, लखनऊ अस्पताल के पास इलाज की सुविधाएं हैं, हालांकि पीड़िता दिल्ली शिफ्ट करने की हालत में है। ऐसे में चीफ जस्टिस ने वकीलों से कहा है कि अगर परिवार चाहता है कि पीड़िता को दिल्ली शिफ्ट किया जाए, तो उन्हें शिफ्ट किया जा सकता है। पीड़िता के साथ-साथ घायल वकीलों के बारे में भी ऐसा ही करने को कहा गया है। इसके अलावा चीफ जस्टिस ने ये भी पूछा है कि क्या पीड़िता के परिवार को सुरक्षा चाहिए। इस पर वकील ने अदालत को बताया कि पीड़िता की चार बहनें हैं, माता हैं और एक चाचा हैं जिनकी पत्नी की एक्सीडेंट में मौत हो गई है और इन सभी को सुरक्षा चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्नाव रेप केस से जुडे सारे पांच मामले दिल्ली टांसफर कर दिए गए हैं। सभी केसों की सुनवाई एक ही जज करेगा।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि क्या पिता की मौत पुलिस की कस्टडी में हुई है? इसके अलावा CJI ने उनकी गिरफ्तारी, पिटाई और मौत के बीच का अंतर पूछा है? अदालत ने सारे केस ट्रांसफर करने का आदेश दे दिए हैं। इसके अलावा चीफ जस्टिस ने उन्नाव पीड़िता के एक्सीडेंट की जांच को 7 दिन में पूरा करने का आदेश दिया है।

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