कोर्ट ने ओवैसी को बेनिफिट ऑफ डाउट के आधार पर बरी किया

नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी पर कोर्ट का फैसला आ गया है। भड़काऊ बयान मामले में अकबरुद्दीन ओवैसी को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अकबरुद्दीन ओवैसी को बरी कर दिया गया है। भड़काऊ बयान मामले में हैदराबाद के नामपल्ली स्थित विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। बता दें कि साल 2012 में अकबरुद्दीन ओवैसी ने भड़काऊ बयान दिया था। ओवैसी ने कहा था कि देश से 15 मिनट के लिए पुलिस हटा दो तो पता चल जाएगा कौन ताकतवर है इसके बाद भी कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया।अकबरुद्दीन ने अपने बयान में कहा था, ”लोग मुसलमान को डरा रहे हैं। मोदी है.. मोदी है… काहे का मोदी.. एक बार हैदराबाद आ जाओ बता देंगे। तसलीमा नसरीन आई कहां है किसी को नहीं मालूम। हिंदुस्तान हम 25 करोड़ हैं.. तुम 100 करोड़ है न.. ठीक है तुम तो हमसे इतने ज्यादा हो… 15 मिनट पुलिस को हटा लो हम बता देंगे कि किसमें कितना दम है। एक हजार क्या? एक लाख क्या एक करोड़ नामर्द मिलकर भी कोशिश कर लें तो भी एक को पैदा नहीं कर सकते। और ये लोग हमसे मुकाबला नहीं कर सकते। जब मुसलमान भारी पड़ा तो यह नामर्दों की फौज आ जाती है।”वहीं, अब कोर्ट ने ओवैसी को बेनिफिट ऑफ डाउट दिया यानी संदेह के आधार पर बरी कर दिया गया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सबूतों के अभाव में अकबरुद्दीन को बरी किया जाता है। कोर्ट ने कहा कि अकबरुद्दीन का भाषण टुकड़े-टुकड़े में दिखाया गया, उनकी स्पीच पूरी नहीं थी।

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