Victims of gaming addiction: गेमिंग जोन में लगी आग से बच्‍चों की मौत पर उठते सवाल, क्यों गेम की लत का शिकार हो रहे बच्चे?

Victims of gaming addiction: गेमिंग जोन में लगी आग से बच्‍चों की मौत पर उठते सवाल, क्यों गेम की लत का शिकार हो रहे बच्चे?

Victims of gaming addiction:  शनिवार की शाम गुजरात के राजकोट के TRP गेम जोन में भीषण आग लग गई. इस हादसे में 28 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में 12 बच्चे हैं. हादसे की सूचना पर मौके पर तत्काल दमकल विभाग की टीम पहुंची. देर रात तक गेम जोन से लोगों का रेस्क्यू होता रहा.

हादसे को लेकर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पहली वजह शॉर्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आ रही है. साथ ही गेम जोन के अंदर 2000 लीटर डीजल और 1500 लीटर पेट्रोल रखे जाने की बात सामने आई है, जब आग लगी तो पेट्रोल और डीजल ने और इसे भड़का दिया.

इस हादसे में 28 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई. पुलिस ने गेम जोन के मालिक सहित 6 पर एफआईआर दर्ज की है. गेम जोन के मालिक को पुलिस ने हिरासत में लिया है और पूछताछ कर रही है. इस हादसे को लेकर ऐसा दावा किया जा रहा है कि गेम जोन के मालिकों ने दमकल विभाग की ओर से फायर एनओसी नहीं ली थी. साथ ही गेम जोन से बाहर निकलने के लिए कोई आपातकाल द्वार भी नहीं था.

Victims of gaming addiction: बच्‍चों में बढ़ रही है गेम की लत

बीते कुछ सालों से बच्चों में इंडोर वीडियो गेम और फोन पर गेम खेलने की आदत काफी बढ़ गई है. छुट्टी के दिनों पर तो मॉल्स के गेम जोन में काफी भीड़ रहती है. कई मामलों में तो बच्चों को गेम की लत भी लग जाती है. वो चाहकर भी गेम खेलना छोड़ नहीं पाते है और इसका उन्हें जुनून हो जाता है. इससे बच्चों को बाद में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. बच्‍चों के इन जुनून की वजह से कई गेम को प्रतिबंधित भी करना पड़ा है.

Victims of gaming addiction: क्यों लग रही गेम की लत?

इस तरह के इंडोर गेम  और मोबाइल पर गेम खेलने का चलन तब से ज्‍यादा शुरू हुआ, जब से कोरोना महामारी ने पूरे विश्‍व को घेर रखा था. कोरोना के वजह से बच्‍चों का बाहर निकलना बंद हो गया था. इस दौरान बच्‍चें मोबाइल से खेलने लगे, जो उनकी आदत में शुमार हो गया.

अब बच्चे मोबाइल पर गेम और मॉल में इंडोर गेम खेलना ज्यादा पसंद करते हैं. बच्चों को इस तरह के गेम खेलने में बहुत मजा आता है. इससे उनके शरीर में डोपामाइन ज्यादा रिलीज होता है. डोपामाइन एक न्यूरो ट्रांसमीटर है जो शरीर को दिमाग को सुखी और खुश महसूस कराता है.

इस वजह से वो ज्यादा गेम खेलते है और बच्चों में अधिक डोपामाइन रिलीज होता है. डोपामाइन ज्यादा ऐक्टिव होने से गेम खेलने का ही मन करता है. यही वजह है की बच्चे चाहकर भी गेम खेलना छोड़ नहीं पाते हैं. इससे उनको इसकी लत लग जाती है.

Victims of gaming addiction: क्‍या होता है बच्‍चों पर असर

ऐसे बच्‍चे, जो ऑनलाइन गेम या इंडोर गेम्स खेलते हैं उन बच्चों की मेंटल हेल्थ पर बहुत खराब असर होता है. इससे डिप्रेशन और एंजाइटी जैसी समस्या होती है. बीते कुछ सालों से इस तरह के कई मामले भी सामने आए हैं जिसमें गेम की लत ने बच्चों की मानसिक सेहत को खराब किया है. इससे बच्चे हिंसक भी हुए है. उन्होंने अपने घर या दोस्तों को नुकसान भी पहुंचाया है. खराब मेंटल हेल्थ के चलते बच्चों की जिंदगी पर असर पड़ रहा है. उनका कामकाज प्रभावित हो रहा है . मेंटल हेल्थ के साथ- साथ फिजिकल हेल्थ भी बिगड़ रही है.

Victims of gaming addiction: हो रही हार्ट की बीमारी

गेम की लत,  बच्चों को दिल की बीमारियों का मरीज भी बना रही है. इसको लेकर ऑस्ट्रेलिया के हार्ट सेंटर में एक रिसर्च भी हुई है. जिसमें बताया गया है कि वीडियो गेम दिल के सही तरीके से न धड़कने का कारण बन रहा है.

Refrigerator Tips In Summer: भीषण गर्मी में फ्रिज का टेंपरेचर कितना करें सेट, इस तरीके से करें सेटिंग

रिसर्च में यह भी पता चला कि कुछ बच्चे इससे अचानक तेज या धीरे हुई हार्ट बीट जैसी परेशानी का सामना कर रहे हैं. इनमें उन बच्चों की संख्या ज्यादा है जो ऑनलाइन वॉर गेम खेल रहे थे. इस तरह के गेम में बच्चे खेल की दुनिया को असली समझने लगते है और गेम में हुई किसी घटना को खुद से जोड़कर देखते है. गेम में हुए किसी हादसे के करण उनकी हार्ट बीट तेज हो जाती है जो बाद में दिल की बीमारियों का कारण बन सकती है.

Victims of gaming addiction: बच्चों पर नजर रखने की जरूरत

आजकल कि भागदौड़ भारी जिंदगी में माता -पिता बच्चों पर ध्यान नहीं देते है. कई मामलों में अकेलेपन की वजह से भी बच्चे गेम खेलना शुरू कर देते हैं. ये उनको अच्छा लगने लगता है और वो इसकी लत का शिकार हो जाते हैं. माता पिता के लिए ये जरूरी है की वो ये देखें कि बच्चे कितनी देर गेम खेल रहे हैं.उनको इसकी लत तो नहीं है. अगर गेम का एडिक्शन हो रहा है तो इसमें आपको डॉक्टर कि सलाह लेने की ज़रूरत है.

इसके अलावा दवा और काउंसलिंग से भी इलाज होता है. साथ ही माता-पिता भी कोशिश करें की बच्चों को बाहर पार्क में खेलने की आदत डालें. उनको अकेलेपन का शिकार न होने दें.

Victims of gaming addiction: लक्षण से पहचानें

अगर आपको अपने बच्‍चे में ऐसा लक्षण दिखे तो सावधान हो जाएं. ज्यादा गेम खेलने से रोज के कामों पर असर होने लगता हैं, जब गेम खेलने से रोका जाता है तो गुस्सा आना और उदास होना या चिड़चिड़ापन होना. गेम खेलने के कारण परिवार या दोस्तों से कम बातचीत करना, परिवार और दोस्तों से गेम के बारे में ही ज्यादा बात करना, नींद कम आना,भूख कम लगना.

Related Articles

Back to top button