कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को लेकर कहा कि अब उन्हें पथभ्रष्ट करने वाले नेता की तरह नहीं, बल्कि पथप्रदर्शक की भूमिका निभानी चाहिए. उन्होंने कहा कि पार्टी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले युवा नेता निर्णायक भूमिका में आ जाएं. जयराम रमेश ने इसके साथ ही राहुल गांधी को ‘पूर्णकालिक नेता’ बताया. टाटा साहित्य सम्मेलन में शामिल होने कोलकाता आए पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने यहां कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव पार्टी के लिए एक संकेत था कि पार्टी वापसी कर रही है. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के बूढ़े लोगों को पथप्रदर्शक (मेंटर) की तरह व्यवहार करना चाहिए, न कि (टॉरमेंटर) पथभ्रष्ट करने वाले की तरह.’
उन्होंने कहा कि ये ऐसे लोग हैं जो सलाह दे सकते हैं और रास्ता दिखा सकते हैं. इन लोगों ने दुनिया देखी है, संसद में अपनी भूमिका अदा की है लेकिन साथ ही साथ आपको युवा लोगों को भी लाने की जरूरत है.
रमेश से जब यह पूछा गया कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को बाहर होना चाहिए तो उन्होंने कहा, ‘पार्टी में सचिन पायलट, ज्योतिरादित्य सिंधिया, गौरव गोगोई और सुष्मिता देव जैसी युवा नेता हैं तथा हमें इन लोगों को आगे रखना चाहिए.’
कांग्रेस पार्टी के गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यह चुनाव परिणाम इस बात का प्रमाण है कि पार्टी वापसी कर रही है.
रमेश ने कहा, ‘हमने गुजरात विधानसभा चुनाव में 41 फीसदी वोट के साथ अच्छी वापसी की है. गुजरात वापसी का पहला संकेत है और इसमें कोई शक नहीं है. पार्टी को गोवा और मणिपुर में सरकार बनानी चाहिए थी. बीजेपी की ओर से पिछले दरवाजे से किए गए समझौतों की वजह हम चुनाव नहीं जीत पाए.’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने साथ ही कहा, ‘राहुल गांधी उल्लेखनीय तरीके से गुजरात चुनाव के बाद बदले हैं. अब वह पूर्णकालिक नेता हैं.’