PoK में पुराने तालिबानियों ने थामा जैश का दामन, घुसपैठ नाकाम करने में जुटी इंडियन आर्मी

नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस समारोह करीब आते ही नियंत्रण रेखा (LoC) के पार अपने लॉन्च पैडों के चारों तरफ फैले आतंकी अपने खतरनाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए जुट गए हैं। पाकिस्तान स्थित आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आत्मघाती दस्तों का बड़ा समूह घाटी में घुसपैठ करके जम्मू-कश्मीर में फिदायीन हमले को अंजाम देने की ताक में है। खुफिया ब्यूरो के उच्च सूत्रों ने बताया कि पिछले 2 सप्ताह से LoC पर सीमापार से गोलाबारी के बीच कथित तौर पर आत्मघाती दस्तों के छोटे-छोटे समूहों ने दक्षिण कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में घुसपैठ की है।

जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुए तालिबानी

भारत सरकार ने उठाए एहतियाती कदम
सुरक्षा संगठन के सूत्रों के बताया कि अमरनाथ यात्रा समय से पहले बंद करना और घाटी से घरेलू व विदेशी पर्यटकों को निकालना JeM और LeT की साजिश के मद्देनजर उठाए गए सुरक्षा के कदमों का हिस्सा हिस्सा है। हाल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के अनुभवी कैडर भी जेईएम और एलईटी गुटों में शामिल हुए हैं जो उनकी रणनीति में एक अहम बदलाव है। इन गुटों के बीच बातचीत से मिली जानकारी से पता चला है कि तालिबानी आतंकी परिष्कृत हथियारों से लैस हैं और वे एलओसी के समीप आतंकी लांचिंग पैड पर जुटे हैं।

भारतीय सैनिकों ने घुसपैठियों को किया ढेर
भारतीय सैनिकों ने चंदनवारी (अमरनाथ यात्रा मार्ग स्थित) में एक उन्नत एम-24 स्नाइपर बरामद किया कि जिसका इस्तेमाल आमतार पर अनुभवी तालिबानी करते रहे हैं। भारतीय बल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नीलम-झेलम जल विद्युत परियोजना के समीप पीओके के 30 किलोमीटर भीतर आतंकी ठिकानों पर बमबारी की। सेना ने एक अगस्त को तड़के केरन सेक्टर में सात पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराकर घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया। बताया जाता है कि ये आतंकी पाकिस्तान बोर्डर ऐक्शन टीम (BAT) का हिस्सा थे।

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