चीन के डबल स्टैंडर्ड की भारत ने UNSC में खोली पोल, कहा- बलपूर्वक यथास्थिति को बदलना आम सुरक्षा का अपमान

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बातचीत और सहयोग के माध्यम से आम सुरक्षा को बढ़ावा देने पर चर्चा के दौरान चीन पर निशाना साधते हुए कटाक्ष किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की राजदूत रुचिरा कंबोज ने कहा कि बल द्वारा यथास्थिति को बदलने के प्रयास और एकतरफा कार्रवाई किसी भी देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान के उद्देश्य का अपमान है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र में भारत की दूत रुचिरा कंबोज ने अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने पर सुरक्षा परिषद की बैठक में भाग लेते समय किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन यह स्पष्ट था कि टिप्पणी किस देश के लिए है।  हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार कंबोज ने सामान्य सुरक्षा को रेखांकित करते हुए कहा कि सामान्य सुरक्षा तभी संभव हो सकता है जब सभी देश आतंकवाद जैसे सामान्य खतरों के खिलाफ एक साथ खड़े हों और अन्यथा उपदेश देते समय डबल स्टैंडर्ड्स में शामिल न हों। कम्बोज ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध की पृष्ठभूमि के खिलाफ कहा कि सामान्य सुरक्षा तभी संभव है, जब देश एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें। भारतीय पक्ष ने बार-बार चीन पर 2020 की शुरुआत से एलएसी पर सैनिकों को इकट्ठा करके सीमा प्रबंधन पर कई समझौतों और प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। गतिरोध ने द्विपक्षीय संबंधों को अब तक के सबसे निचले स्तर पर ले लिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में चीन पर सीमा समझौतों की अवहेलना करने का आरोप लगाया था। गलवान घाटी गतिरोध के कारण दोनों देशों के बीच संबंध बहुत कठिन दौर से गुजर रहा है। विदेश मंत्री ने कहा था कि हमारे पास 1990 के दशक में चीन के साथ समझौते हैं जो सीमा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सैनिकों को लाने पर रोक लगाते हैं, उन्होंने इसकी अवहेलना की है।

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