विपक्ष के हंगामे से लोकसभा अध्यक्ष दुखी, बोले- पोस्टर, बैनर संसद की मर्यादा के खिलाफ

नई दिल्ली. लोकसभा में विपक्ष द्वारा लगातार किए जा रहे हंगामे की वजह से आज मानसून सत्र का समापन दो दिन पहले ही कर दिया गया। आज मीडिया से बातचीत से बातचीत में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि 17वीं लोकसभा का 6वां सत्र आज सम्पन्न हुआ। इस सत्र में अपेक्षाओं के अनुरुप सदन का कामकाज नहीं हुआ। इसे लेकर मेरे मन में दुख है। मेरी कोशिश रहती है कि सदन में अधिकतम कामकाज हो, विधायी कार्य हो और जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो।

उन्होंने कहा कि इस बार लगातार गतिरोध रहा। ये गतिरोध समाप्त नहीं हो पाया। पिछले 2 वर्ष संसद के कामकाज की दृष्टि से अधिक उत्पादकता वाले रहे। इसबार कुल उत्पादकता 22% रही। 20 विधेयक पारित हुए। ओम बिरला ने कहा कि लोकसभा में आसन के समीप आकर सदस्यों का तख्तियां लहराना, नारे लगाना परंपराओं के अनुरूप नहीं है। लोकसभा में पूरे मॉनसून सत्र में केवल 21 घंटे कामकाज हुआ, 22 प्रतिशत कामकाज हो सका है। उन्होंने बताया कि संसद भवन का निर्माण अगले वर्ष 15 अगस्त से पहले पूरा होने की उम्मीद है।केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा के अशोभनीय आचरण की तुलना 26 जनवरी को लाल किले में हुई हुड़दंग की घटना से करते हुए बुधवार को कहा कि सदन में आसन की ओर फाइल फेंका जाना एक ‘‘शर्मनाक’’ घटना थी। उन्होंने लोकसभा एवं राज्यसभा में कामकाज को बाधित करने के लिए कांग्रेस एवं विपक्षी दलों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि लोगों ने अपनी आवाज उठाने के लिए जिन लोगों को संसद भेजा था, वे नियम विरूद्ध व्यवहार कर रहे हैं। राज्यसभा में मंगलवार को जब कृषि के मुद्दे पर चर्चा शुरू होने वाली थी तो विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच बाजवा को सदन के भीतर अधिकारियों की मेज पर चढ़कर एक सरकारी फाइल को आसन की ओर फेंकते हुए देखा गया। ठाकुर ने कहा, ‘‘मेज पर चढ़कर फाइल फेंकना एक शर्मनाक घटना थी।’’ सूचना एवं प्रसारण मंत्री ठाकुर ने कहा, ‘‘इस तरह के कृत्य को अंजाम देकर यदि कोई गौरव महसूस करे तो मुझे लगता है कि 26 जनवरी की शर्मनाक घटनाओं की पुनरावृत्ति हो रही है।’’

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