रूस ने यूरोपीय देशों को दी चेतावनी, कहा- यूक्रेन का साथ देना है तो सीधे हमसे लड़ो

पिछले 4 महीनों से लगातार चला आ रहा रूस-यूक्रेन युद्ध रुकने का नाम नहीं ले रहा है। युद्ध दो देशों की सेनाओं के बीच हो रहा है, लेकिन इसका नुकसान वहां की जनता को उठाना पड़ रहा है। खासकर यूक्रेन की जनता को। यूक्रेन में सब कुछ बर्बाद हो चुका है। रहने के लिए घर नहीं है, ईलाज के लिए अस्पताल नहीं हैं। लाखों लोग बेघर हो चुके हिं, लेकिन युद्ध का नतीजा नहीं निकल रहा है। दोनों देशों में से कोई भी अपनी हार स्वीकार कर युद्ध रोकना नहीं चाह रहा है।

वहीं इन सब के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने इरादे साफ़ किये हैं। उन्होंने पश्चिमी देशों को सीधे जंग में शामिल होने का चैलेंज दे दिया है। पुतिन ने कहा- अगर पश्चिमी देश यूक्रेन का साथ देना चाहते है तो हमारे खिलाफ जंग में शामिल हो जाएं। हालांकि पुतिन यूक्रेन के खिलाफ 24 फरवरी से जारी हमले को मिलिट्री ऑपरेशन बताते रहे हैं। उन्होंने कहा- अभी तो आक्रमण शुरू भी नहीं हुआ है। पश्चिमी देशों से नाराजगी जाहिर करते हुए पुतिन ने कहा- रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से यूक्रेन के साथ शांति पर बातचीत करना कठिन होता जा रहा है।

जितना दखल बढ़ेगा, शांति कायम करना उतना ही मुश्किल होगा 

पुतिन ने यूक्रेन के आम नागरिकों के लिए संवेदना भी दिखाई। पुतिन ने कहा कि, “पश्चिमी देश खुद लड़ाई में शामिल न होकर, यूक्रेन के लोगों को लड़ने के लिए आगे कर रहे हैं।​​​​​​” उन्होंने यूक्रेन के खिलाफ जंग में शांति कायम करने की ओर इशारा भी किया। साथ ही पश्चिमी देशों को चेतावनी भी दी। पुतिन ने कहा- हम शांति के खिलाफ नहीं, लेकिन जो इसके खिलाफ हैं, उन्हें यह बात जान लेनी चाहिए कि पश्चिमी देशों का दखल जितना अधिक बढ़ेगा, शांति कायम करना उतना ही मुश्किल होगा।

गैस सप्लाई को लेकर EU ने जताई चिंता 

इस बीच EU ने सदस्य देशों को चेतावनी जारी की। EU चीफ उर्सुला वान डर लेयेन ने चेतावनी देते हुए कहा कि रूस आने वाले दिनों में यूरोप की गैस सप्लाई रोक सकता है। EU चीफ ने रूस से गैस इंपोर्ट में कमी लाने की बात कही। उन्होंने इसके लिए आने वाले समय में इमरजेंसी प्लान भी तैयार करने के संकेत दिए हैं। उन्होंने रूसी राष्ट्रपति पर निशाना साधते हुए कहा- पुतिन ने तेल और गैस जैसी जरूरी चीजों को भी हथियार बना दिया है। वहीं, यूनाइटेड नेशंन्स (UN) की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, 24 फरवरी से अब तक अब तक 90 लाख से ज्यादा यूक्रेनी बेघर हो चुके हैं।

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