मैट्रो के चौथे चरण में देरी के लिए कोई दोषारोपण नहीं: केजरीवाल

नयी दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मेट्रो के चौथे चरण का काम पूरा होने के लिए केन्द्र का सहयोग मांगा। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि केन्द्र सरकार परियोजना के उन तीन गलियारों के शीघ्र मंजूरी देगी जिनकी मंजूरी उसने पहले नहीं दी थी। केन्द्रीय मंत्रिपरिषद ने आप सरकार द्वारा प्रस्तावित छह में से तीन गलियारों को मार्च में मंजूरी दे दी थी। केन्द्र ने दिल्ली सरकार की शर्तों को नजरअंदाज करते हुए यह मंजूरी दी थी। इन्हीं मतभेदों के चलते इस परियोजन पर काम शुरू नहीं हो सका। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को अपने एक आदेश में निर्माण कार्य शुरू करने को कहा था। इससे पहले आप सरकार ने कहा था कि उसने परियोजना को आगे बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। केजरीवाल ने शनिवार को ट्वीट किया, ‘‘मुझे उम्मीद है कि केन्द्र शेष तीन कॉरिडोर को शीघ्र मंजूरी देगा। लोग चाहते हैं कि मेट्रो के चौथे चरण का निर्माणकार्य जल्दी शुरू हो।’’ हिन्दी में किए गए ट्वीट में उन्होंने लिखा,‘‘कई सालों से काम अटका पड़ा है। हमें इस पर नहीं जाना चाहिए कि कब-किसकी गलती थी। बल्कि इसे जल्द से जल्द पूरा करने करने के लिए सभी को साथ आना चाहिए, और यहीं जनहित में हैं।’’ केन्द्र ने जिन तीन गलियारों को मंजूरी दी थी उनमेंमुकुन्दपुर से मौजपुर, जनकपुरी वेस्ट से आर के आश्रम और एयरोसिटी से तुगलकाबाद शामिल है। वहीं तीन कॉरिडोर जिन्हें केन्द्र ने नामंजूर किया है उनमें रिठाला से बवाना और नरेला,इंदरलोक से इन्द्रप्रस्थ और लाजपत नगर से साकेत जी ब्लाक हैं। आप सरकार ने केन्द्र के निर्णय पर आपत्ति जताते हुए कहा था किकेन्द्र सरकार ने बिना कोई कारण बताए परियोजना में कुछ एकतरफा बदलाव किए हैं। गौरतलब है कि प्रदूषण के मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहीं वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने शुक्रवार के उच्चतम न्यायलय को सूचित किया था कि दिल्ली सरकार चौथे चरण की परियोजना को मंजूरी देने के लिये राजी हो गयी है। हालांकि, दिल्ली सरकार के वकील ने कहा था कि भूमि की लागत और करों को साझा करने जैसे मुद्दे अभी भी लंबित हैं।

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