माया को रिटर्न गिफ्ट नहीं दे पाए अखिलेश, SP-BSP गठबंधन पर खतरा नहीं

 

नई दिल्ली। राज्यसभा में उत्तर प्रदेश की 10 सीटों के लिए शुक्रवार को हुए चुनाव में बीजेपी ने विपक्ष का गणित बिगाड़ कर रख दिया। बीजेपी ने विपक्ष में सेंध लगा पहले क्रॉस वोटिंग करवाई। फिर सरप्लस और दूसरी वरीयता के वोटों के प्रबंधन से अपने सभी 9 उम्मीदवार जिता लिए। विपक्ष में एसपी का उम्मीदवार ही जीत सका, जबकि बीएसपी उम्मीदवार को हार का मुंह देखना पड़ा। लेकिन, अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या एसपी और बीएसपी की दोस्ती पर आंच आ सकती है। बीजेपी ने तो यूपी उपचुनाव में हुई हार का बदला ले लिया है। लेकिन, अखिलेश चाहकर भी मायावती को रिटर्न गिफ्ट नहीं दे सके, इसलिए अब बसपा के रुख पर सभी की निगाहें रहेंगी।

लेकिन, सूत्रों की मानें तो एसपी और बीएसपी गठबंधन पर कोई खतरा नहीं है। राज्यसभा चुनाव में हार के बावजूद दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन जारी रहेगा। बीएसपी नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि उनको समाजवादी पार्टी से कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि योगी सरकार ने पैसे का इस्तेमाल किया और विधायकों को धमकाया भी है सिर्फ इस बात के लिए कि दलित को हराना चाहते थे। सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के समर्थन में कोई कमी नहीं थी। उन्होंने अपने वोट हमें दिलवाए थे। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में बीएसपी ने समाजवादी पार्टी को समर्थन दिया था और नतीजा ये रहा कि दोनों ही जगहों से बीजेपी हार गई।

बीएसपी और सपा के बीच यह नई दोस्ती करीब 25 साल बाद हुई है। राज्यसभा चुनाव में बीएसपी ने समाजवादी पार्टी से समर्थन की शर्त पर ही गोरखपुर और फूलपुर में मदद की थी। इधर, सीएम योगी आदित्यनाथ ने सपा को अवसरवादी पार्टी बताते हुआ कि वह ले सकती है लेकिन कुछ दे नहीं सकती। योगी के बयान से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह कहां निशाना साधने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि बीएसपी नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि बीजेपी ने 9वीं सीट के प्रत्याशी को इसलिए हराया क्योंकि उनका नाम अंबेडकर था जो कि दलित थे। हम इस बात को जनता तक पहुंचाएंगे।

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