बाइडेन-मोदी ने की फोन पर बात, आतंकवाद, कोविड समेत कई मुद्दों पर चर्चा

न्यूयॉर्क । अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद से लड़ने और कोविड-19 महामारी को हराने, वैश्विक अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने जैसे कई मुद्दों पर बारीकी से काम करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई है। व्हाइट हाउस की ओर से एक बयान में यह कहा गया।

व्हाइट हाउस के बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं के बीच फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने ‘वैश्विक आतंकवाद के संकट के खिलाफ एक साथ खड़े होने’ का वादा किया।
इसने कहा, “नेताओं ने स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत को बढ़ावा देने के लिए घनिष्ठ सहयोग जारी रखने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें नैविगेशन की स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता, और क्वाड के माध्यम से एक मजबूत क्षेत्रीय ऑर्किटेक्चर के लिए सपोर्ट शामिल है। क्वाड में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।”
व्हाइट हाउस ने कहा, “दोनों नेताओं ने वैश्विक चुनौतियों को लेकर निकट संपर्क में रहने और अमेरिका और भारत अपने लोगों के लिए और देश के लिए एक साथ जो हासिल कर सकते हैं, उसे लेकर तत्परता, उत्सुकता दिखाई।”
मोदी ने ट्वीट किया, “राष्ट्रपति जो बाइडेन और मैं नियमों पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम भारत-प्रशांत क्षेत्र और उससे आगे की शांति और सुरक्षा के लिए हमारी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए तत्पर हैं।”एक अन्य ट्वीट में, मोदी ने कहा, “हमने क्षेत्रीय मुद्दों और हमारी साझा प्राथमिकताओं पर चर्चा की। हम जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अपने सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी सहमत हुए।”
व्हाइट हाउस ने कहा कि मोदी और बाइडेन ने कोरोनोवायरस से प्रभावित वैश्विक अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण पर काम करने पर सहमति व्यक्त की जो दोनों देशों के लोगों को लाभ पहुंचाए।
हाइट हाउस के बयान के अनुसार “दोनों ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए और जलवायु परिवर्तन पर अपनी साझेदारी बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने को लेकर भी प्रतिबद्धता जताई।”
दोनों नेताओं के बीच म्यांमार में सेना द्वारा किए गए तख्तापलट को लेकर भी चर्चा हुई।
बयान के अनुसार, मोदी और बाइडेन ने कहा कि “बर्मा में कानून का शासन और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बरकरार रखा जाना चाहिए।”
बाइडेन ने कहा है कि दुनिया भर में लोकतंत्र को बढ़ावा देना और उसका बचाव करना उनकी विदेश नीति के एजेंडे की आधारशिला होगी।
व्हाइट हाउस के बयान में सीधे तौर पर चीन का जिक्र नहीं था, लेकिन मोदी के साथ चर्चा में ‘क्षेत्रीय अखंडता’ के लिए विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के समर्थन का उल्लेख चीन से भारत को खतरों के संदर्भ के रूप में देखा जा सकता है। सीनेट में उन्होंने भारत के साथ काम करने की बात कही थी ताकि चीन सहित कोई भी देश इसकी संप्रुभता को चुनौती नहीं दे सके।

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