पुलिस कमिश्नर की अपील के बाद शरद पवार का ऐलान-नहीं जाएंगे ईडी दफ्तर

नई दिल्ली: मुंबई पुलिस कमिश्नर से मिलने के बाद एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दफ्तर नहीं जाने का फैसला लिया। मीडिया से बात करते हुए शरद पवार ने कहा, “मेरे किसी कदम से राज्य में कानून-व्यवस्था खराब होगा, ऐसा कभी नहीं चाहूंगा। मैं ईडी दफ्तर जाने का अपना फैसला रद्द करता हूं।” उन्होंने आगे कहा, “बैंक घोटाले से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। यह केवल राज्य में विपक्ष की छवि को धूमिल करने के लिए किया जा रहा है। मैं प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में पूरी तरह सहयोग करूंगा।”

इससे पहले शरद पवार आज दोपहर 2 बजे शरद पवार ईडी के सामने पेश होने वाले थे। एनसीपी कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन को देखते हुए ईडी दफ्तर के बाहर धारा 144 लागू कर दी गई थी। 25 हजार करोड़ रुपये के महाराष्ट्र स्टेट कॉओपॉरेटिव बैंक घोटाले में ईडी ने शरद पवार, उनके भतीजे और 70 दूसरे आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। वहीं शरद पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे यहां केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय के पास एकत्र न हों और सुनिश्चित करें कि लोगों को कोई असुविधा न हो।

धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के अंतर्गत दर्ज शिकायत के तहत ईडी उन आरोपों की जांच कर रही है कि एमएससीबी के शीर्ष अधिकारी, अध्यक्ष, एमडी, निदेशक, सीईओ और प्रबंधकीय कर्मचारी तथा सहकारी चीनी फैक्टरी के पदाधिकारियों को अनुचित तरीके से कर्ज दिए गए। एजेंसी ने कर्ज देने और अन्य प्रक्रिया में कथित अनियमितता की जांच के लिए पवार, उनके भतीजे और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार तथा करीब 70 अन्य के खिलाफ पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था।

ईडी का मामला मुंबई पुलिस की प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें बैंक के निदेशकों, राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार और सहकारी बैंक के 70 पूर्व पदाधिकारियों के नाम हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार का नाम ईडी की शिकायत में पुलिस एफआईआर के आधार पर शामिल किया गया है। यह मामला ऐसे समय दर्ज किया गया, जब राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राज्य में एक चरण में 21 अक्टूबर को विधानसभा की सभी 288 सीटों पर मतदान होगा।

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